Chattisgarh News: अमेरिका के प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में छत्तीसगढ़ की डॉक्यूमेंट्री फिल्म “भीम चिंताराम” ने धूम मचाई है। 2 नवंबर को आयोजित इस महोत्सव में दुनियाभर के 154 देशों से आई 2,974 फिल्मों में से चुनिंदा प्रविष्टियों को जगह मिली, और भारत की मात्र आठ फिल्मों में छत्तीसगढ़ की यह रचना शामिल होकर देश का गौरव बढ़ाया। निर्देशक एस. अंशु धुरंधर की यह फिल्म राज्य के समाजसेवी और जननायक दाऊ चिंताराम टिकरिहा के प्रेरणादायक जीवन पर आधारित है, जो छत्तीसगढ़ी सिनेमा की वैश्विक पहचान का प्रतीक बन गई है।
कठिन चयन प्रक्रिया में मिली सफलता
महोत्सव के लिए फिल्मों का चयन बेहद सख्त था। पांच चरणों के बाद केवल सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को मौका दिया गया। भारत से चुनी गई आठ फिल्मों में “भीम चिंताराम” का शामिल होना छत्तीसगढ़ी सिनेमा के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह डॉक्यूमेंट्री न केवल स्थानीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले गई, बल्कि क्षेत्रीय भाषाई सिनेमा की ताकत को भी रेखांकित किया। दुनिया भर के सिने प्रेमियों ने फिल्म की गहराई और संदेश की सराहना की, जो छत्तीसगढ़ की मिट्टी से निकली कहानी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करती है।
तीन साल की मेहनत और 245 साक्षात्कारों का फल
फिल्म के निर्माण में निर्देशक एस. अंशु धुरंधर ने तीन वर्षों तक गहन शोध किया। दाऊ चिंताराम टिकरिहा के जीवन की बारीकियों को उकेरने के लिए 245 लोगों से विस्तृत साक्षात्कार लिए गए। ये साक्षात्कार समाजसेवा, संघर्ष और जननायक की छवि को जीवंत बनाते हैं। फिल्म में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, परंपराएं और सामाजिक मुद्दों को संवेदनशीलता से पिरोया गया है। यह प्रयास न केवल एक व्यक्ति की जीवनी है, बल्कि पूरे राज्य की अस्मिता का दस्तावेज बन गया। निर्माण टीम की समर्पण भावना ने फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाया।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा का उज्ज्वल भविष्य
“भीम चिंताराम” की यह सफलता छत्तीसगढ़ी सिनेमा के लिए नई उम्मीद जगाती है। क्षेत्रीय फिल्में अब वैश्विक पटल पर अपनी जगह बना रही हैं, जो स्थानीय कलाकारों और निर्देशकों को प्रोत्साहित करेगी। यह उपलब्धि साबित करती है कि सशक्त कंटेंट और मेहनत से भाषाई बाधाएं पार की जा सकती हैं। राज्य सरकार और सिनेमा प्रेमियों को ऐसे प्रयासों का समर्थन करना चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ की कहानियां दुनिया भर में गूंजती रहें। यह फिल्म न केवल मनोरंजन है, बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।
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