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31 गांव के किसानों ने किया विरोध, ट्रैक्टर रैली निकालकर जताया आक्रोश

31 गांव के किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे की मांग की और सरकार से न्याय की अपील की।

किसानों ने सरकार को दी चेतावनी, जल्द समाधान न मिलने पर बड़ा आंदोलन

भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर किसानों का संघर्ष जारी, 


जटटारी, उत्तर प्रदेश: ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजे की मांग को लेकर 31 गांव के किसानों का धरना 22वें दिन भी जारी रहा। सोमवार को किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में एक विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों किसान ट्रैक्टर और बाइकों के साथ शामिल हुए। यह रैली धरना स्थल से शुरू होकर जटटारी ब्लॉक कार्यालय और अन्य प्रमुख मार्गों से गुजरी।

रैली के दौरान किसान नेताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी जमीन के उचित मुआवजे की मांग दोहराई। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।

किसानों की मांगें और विरोध का कारण

किसानों का आरोप है कि ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए सरकार उनकी जमीन का अधिग्रहण कर रही है, लेकिन उन्हें नए सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। किसानों की मांग है कि वर्तमान दरों के हिसाब से मुआवजा तय किया जाए ताकि उन्हें उचित लाभ मिल सके।

इस मुद्दे को लेकर किसान पिछले 22 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है। किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे और बड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होंगे。

किसानों के विचार और बयान

धरना स्थल पर मौजूद कुछ किसानों ने खेती और जमीन के महत्व पर अपने विचार साझा किए:

ट्रैक्टर रैली की प्रमुख झलकियां

रैली में सैकड़ों किसानों ने अपने ट्रैक्टर और बाइक के साथ भाग लिया। रैली के दौरान किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अपनी मांगों के समर्थन में बैनर और पोस्टर लेकर चले。

रैली में शामिल किसान नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे。

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया

अब तक सरकार या प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, जिला प्रशासन ने किसानों से बातचीत करने की बात कही है। प्रशासन के कुछ अधिकारी पहले भी किसानों से मिलने आए थे, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया。

किसानों का कहना है कि यदि सरकार जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे。

आंदोलन का भविष्य और किसानों की चेतावनी

किसानों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे दिल्ली कूच करने पर भी विचार कर सकते हैं। इसके अलावा, वे राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की योजना भी बना रहे हैं。

धरना स्थल पर मौजूद एक अन्य किसान नेता ने कहा, “हम सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वह हमारी मांगों को सुने और हमें न्याय दे। अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती, तो हम अपने संघर्ष को और आगे बढ़ाएंगे।”

किसानों का यह आंदोलन लगातार गति पकड़ रहा है। 22 दिन से जारी इस धरने में किसानों का हौसला बुलंद है और वे अपने अधिकारों के लिए डटे हुए हैं। ट्रैक्टर रैली के जरिए उन्होंने अपनी मांगों को और मजबूती से सरकार तक पहुंचाया है। अब यह देखना होगा कि सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करती है या नहीं।

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