IRCTC Scam Case: राउज एवेन्यू स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मामले में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने इसे धोखाधड़ी, साजिश और पद के दुरुपयोग का मामला माना है। आरोप तय होने के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव आते ही इस तरह की चीजें सामने आती हैं। लेकिन हम न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं। संघर्ष हमारा रास्ता है और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे।
आरजेडी ने आगे कहा कि जिस व्यक्ति ने रेलवे को 90 हजार करोड़ का मुनाफा दिया, हर बजट में किराया घटाया, उसे आज कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। उन्हें ‘मैनेजमेंट गुरु’ कहा गया, हार्वर्ड और आईआईएम जैसे संस्थानों में उनके कार्यकाल पर रिसर्च हुआ है। तेजस्वी यादव ने इस मामले को राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि बिहार की जनता जानती है कि सच्चाई क्या है। हम अच्छे मुसाफिर भी बनेंगे और मंजिल तक भी पहुंचेंगे। यह लड़ाई तब तक चलेगी जब तक बीजेपी सत्ता में रहेगी और मैं राजनीति में रहूंगा।
महागठबंधन पर भी बोले तेजस्वी
IRCTC Scam Case: महागठबंधन में सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर पूछे गए सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि इस पर जल्द फैसला हो सकता है। गौरतलब है कि यह मामला लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए आईआरसीटीसी के दो होटलों के संचालन का टेंडर निजी कंपनी को देने में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद चार्जशीट दायर की थी।
जब तक दंगाई एवं संविधान विरोधी बीजेपी सत्ता में है और मेरी उम्र है बीजेपी से लड़ते रहेंगे। तूफ़ानों से लड़ने में मज़ा ही कुछ और है। हमने संघर्ष पथ चुना है। संघर्ष पथ पर चलते-चलते अच्छे मुसाफ़िर बन निश्चित ही मंजिल प्राप्त करेंगे।
एक महीना पहले बिहार आकर गृहमंत्री अमित शाह जी…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 13, 2025
कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा?
IRCTC Scam Case: आईआरसीटीसी घोटाले से जुड़े मामले में न्यायाधीश ने कहा कि मामले में पेश की गई CBI की चार्जशीट और सबूतों से यह साफ होता है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव की जानकारी और भागीदारी शामिल थी। इस घोटाले से लालू परिवार को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ मिला है। जबकि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम दाम पर जमीन हस्तांतरित की गई, जो इस सौदे का हिस्सा थी। मामले में लालू परिवार के अलावा IRCTC के पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर वीके अस्थाना, वरिष्ठ अधिकारी आरके गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक विजय कोचर व विनय कोचर भी आरोपी हैं। इन सभी पर सरकारी ठेकों के बदले जमीन प्राप्त करने की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
जबकि इस मामले में CBI का आरोप है कि जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे, तब बिहार के कुछ निवासियों को रेलवे की ग्रुप D की नौकरियां दी गईं। बदले में उन लोगों से जमीनें लालू यादव के परिजनों या उनके स्वामित्व वाली कंपनियों के नाम पर बेहद कम कीमत पर ली गईं। CBI ने अदालत को बताया कि उसके पास इस मामले में पर्याप्त दस्तावेजी और गवाहों से जुड़े साक्ष्य मौजूद हैं, जो आरोपियों की संलिप्तता को साबित करते हैं।
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