Azam Khan News: 23 महीने की जेल यात्रा के बाद जमानत पर बाहर आए समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को लेकर पीछे कुछ दिनों से यूपी के राजनीति का बाजार गर्म है। हाल ही में देखा गया कि आजम खान ने जेल से बहार आकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इतिहास का सबसे ताकतवर मुख्यमंत्री बताया। जिससे सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। क्योंकि यह वही आजम खान हैं, जिन्होंने कभी कहा था कि सरकार लखनऊ से नहीं, रामपुर से चलती है। वहीं अब राज्य की योगी सरकार ने आजम खान की सुरक्षा को फिर से बहाल कर दोबारा वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है। बता दें कि विधायक पद रद्द होने और कोर्ट में दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी सुरक्षा हटा दी गई थी। जेल जाने के बाद उन्हें पूरी तरह से सरकारी संरक्षण से वंचित कर दिया गया था। लेकिन अब, उनकी रिहाई के कुछ समय बाद ही उन्हें पुनः वही स्तर की सुरक्षा दी गई है।
राजनीति से संयम की ओर आजम
Azam Khan News: आजम खान की बयानबाज़ी में बदलाव सिर्फ योगी सरकार को लेकर नहीं है। जेल से बाहर आने के बाद वह मंचों पर आक्रामक तेवर के बजाय संयमित और संतुलित भाषा का प्रयोग करते नज़र आ रहे हैं। उन्होंने हाल में कहा कि अब मैं झगड़ों की राजनीति नहीं करना चाहता। उनका यह बदला हुआ रवैया न सिर्फ विरोधियों बल्कि खुद समाजवादी पार्टी के भीतर भी चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने पार्टी से भी एक हद तक दूरी बना ली है और सक्रिय राजनीति में अपेक्षाकृत शांत भूमिका निभा रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के सवाल
Azam Khan News: आजम खान का यह बदला हुआ रुख और योगी आदित्यनाथ की खुलेआम प्रशंसा कई राजनीतिक विश्लेषकों के लिए हैरानी का विषय बन गई है। सवाल उठ रहा है कि क्या आजम खान की विचारधारा में बदलाव आया है, या यह रणनीतिक चुप्पी है? एक राजनीतिक जानकार के अनुसार जेल के अनुभव ने आजम खान को पूरी तरह बदल दिया है। उनके लिए अब राजनीति का मतलब शायद कुछ और है। वे समझ चुके हैं कि टकराव की राजनीति के दिन लद चुके हैं।
क्या ये नया आजम खान है?
Azam Khan News: आजम खान के मौजूदा बयानों और राजनीतिक शैली को देखते हुए एक बात तो तय है कि उनकी राजनीति अब पहले जैसी नहीं रही। सवाल यह भी है कि क्या यह बदलाव स्थायी है या आने वाले चुनावी मौसम में फिर कोई नया मोड़ देखने को मिलेगा।







