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Ayodhya Deepotsav: अयोध्या का दीपोत्सव बना ऐतिहासिक, राम की पैड़ी पर जले 26 लाख से अधिक दीप, दो वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज

Ayodhya Deepotsav

Ayodhya Deepotsav: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या इस बार फिर रोशनी के महासागर में नहाई नजर आ रही है। दीपोत्सव के 9वें संस्करण ने भव्यता और ऐतिहासिकता की नई मिसाल कायम की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव की शुरुआत की। इसके बाद सरयू तट पर ‘राम की पैड़ी’ पर लाखों दीपों की अविस्मरणीय छटा बिखेरी गई। इस बार खास बात ये रही कि आयोजन ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दो नई उपलब्धियां भी दर्ज कीं…

पहला रिकॉर्ड: एक ही समय में 26 लाख 17 हजार 215 दीपकों को प्रज्वलित किया गया, जो अब तक का सबसे बड़ा दीप प्रज्वलन कार्यक्रम है।

दूसरा रिकॉर्ड: सरयू नदी के घाट पर 2128 अर्चकों द्वारा एक साथ महाआरती संपन्न की गई — यह भी एक विश्व रिकॉर्ड बना।

राम की पैड़ी पर सीएम योगी महाआरती में शामिल हुए
                                                                                 राम की पैड़ी पर सीएम योगी महाआरती में शामिल हुए

राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो का आयोजन

Ayodhya Deepotsav: दीपों की गणना ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से की गई, ताकि सटीकता सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर राम की पैड़ी पर लेजर लाइट शो का आयोजन हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही, 1100 ड्रोन की मदद से एक विशेष शो भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें श्रीराम की जीवनगाथा और अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को आकाश में चित्रित किया गया।

पूरे शहर में उत्सव का माहौल

Ayodhya Deepotsav: अयोध्या की गलियों, मंदिरों और प्रमुख स्थलों को आकर्षक लाइटिंग से सजाया गया था। हजारों श्रद्धालु और पर्यटक इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने। दीपों की ज्योति के साथ पूरी अयोध्या एक बार फिर ‘त्रेतायुग’ की अनुभूति कर रही थी।

उत्तराखंड की महिलाओं ने की प्रस्तुति

दीपोत्सव के भव्य आयोजन के दौरान उत्तराखंड की रामलीला मंडली ने एक विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। इस रामलीला की खास बात यह रही कि इसके सभी पात्रों का अभिनय महिलाओं द्वारा किया गया, जो पारंपरिक मंचन से हटकर एक नया आयाम प्रस्तुत करता है। महिला कलाकारों द्वारा निभाए गए रामायण के प्रमुख पात्रों ने अपने सशक्त अभिनय, प्रभावशाली संवाद अदायगी और सुमधुर संगीत के माध्यम से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंचन के दौरान श्रद्धालु लगातार जयकारे लगाते रहे और पूरे परिसर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता रहा।

भारत-श्रीलंका सांस्कृतिक संबंधों की झलक 

दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान कोलंबो विश्वविद्यालय की हिंदी प्रोफेसर द्वारा एक विशेष उपहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट किया गया। यह उपहार श्रीलंका की पारंपरिक रामलीला परंपरा से जुड़ा एक प्राचीन मुखौटा था, जो दोनों देशों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक माना गया।

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