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बिहार: नक्सलवाद की छाया में लंबे समय से दबे मुंगेर जिले के भीमबांध इलाके में दो दशक बाद मतदान हुआ। साल 2005 में एसपी सी. सुरेंद्र बाबू और 7 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यहां पोलिंग बूथ बंद कर दिए गए थे। लेकिन इस बार तीन विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग पूरी हुई। गांव के लोगों के चेहरों पर लोकतंत्र की बहार देखने लायक थी।

भीमबांध में इस बार 7 पोलिंग बूथ दोबारा खोले गए। सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की भारी तैनाती रही और मतदान केंद्रों पर सुबह से ही भीड़ उमड़ी रही।

20 साल बाद गांव में वोट डालकर खुशी हुई

बिहार: तारापुर विधानसभा के बूथ नंबर 310 पर वन विभाग के रेस्ट हाउस में कुल 374 मतदाता हैं, जिनमें 170 महिलाएं शामिल हैं। 81 साल के विशुन देव सिंह ने कहा, “2005 से पहले हम अपने गांव में ही वोट डालते थे, लेकिन नक्सल हिंसा के बाद बूथ 20 किलोमीटर दूर चला गया था। अब फिर से गांव में वोट डालना खुशी की बात है।”

18 साल के नए मतदाता बादल प्रताप ने कहा, “हमारे गांव में 20 साल बाद वोटिंग हो रही है। लोकतंत्र में हिस्सा लेने का मौका मिला, बहुत अच्छा लग रहा है।”
महिला मतदाता नीला देवी ने कहा, “पहले जंगल पार कर वोट डालने जाना पड़ता था, अब बूथ पास है और सुरक्षा भी अच्छी है।”

 

ग्रामीणों के चेहरों पर दिखी खुशी

बिहार: सेक्टर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने बताया कि मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। उन्होंने कहा, “20 साल बाद वोटिंग हो रही है, लोगों के चेहरों पर खुशी साफ दिख रही है। केंद्रीय बल लगातार गश्त कर रहे हैं।”
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, लोगों का भरोसा बहाल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान करें।

एक ग्रामीण ने कहा, “पहले हालात ठीक नहीं थे, लेकिन अब अमन है। सुरक्षा कैंप और सरकारी सुविधाओं से जिंदगी आसान हुई है। बच्चे-बुजुर्ग सब खुशी-खुशी वोट डाल रहे हैं।”

 

पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हुई। बाकी 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
बिहार: कुल 243 सीटों के लिए करीब 3.75 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकांश जगहों पर मतदान शाम 6 बजे तक चला, जबकि कुछ नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटिंग 5 या 4 बजे तक ही हुई।

2020 के चुनाव में एनडीए को 125 और विपक्ष को 110 सीटें मिली थीं।

 

पृष्ठभूमि:

बिहार: मुंगेर और आसपास के इलाके लंबे समय तक नक्सल गतिविधियों से प्रभावित रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों की तैनाती और सरकारी योजनाओं की वजह से हालात सामान्य हो रहे हैं। भीमबांध में दो दशक बाद वोटिंग होना इस बदलाव की बड़ी मिसाल मानी जा रही है।

 

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Written by; SAUBHAGYA SRIVASTAV