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SIR: विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) क्यों है जरूरी, समझिए

SIR:

SIR: भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है मतदान। हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में होना लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पहली शर्त है। इसी को मजबूत करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision) चलाता है। हाल ही में आयोग ने देशभर में एक बार फिर विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया लागू करने का आदेश जारी किया था, जो आगामी चुनावों की तैयारी के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)?

SIR: विशेष गहन पुनरीक्षण वह प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची की संपूर्ण जांच, अद्यतन और सुधार किया जाता है। इस दौरान चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करता है कि 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के सभी योग्य नागरिकों का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो।

SIR: मृत व्यक्तियों, डुप्लीकेट नामों या स्थान परिवर्तन करने वालों के नाम हटाए जाएं। नए मतदाताओं को पंजीकृत करने के लिए बूथ स्तर पर विशेष अभियान चलाया जाए। यह अभियान पूरे देश में निर्धारित कैलेंडर के अनुसार चलाया जाता है और इसमें बीएलओ (Booth Level Officer) की सक्रिय भूमिका होती है।

 SIR आदेश क्यों है महत्वपूर्ण ?

  • सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करता है: चुनावों की पारदर्शिता मतदाता सूची की शुद्धता पर निर्भर करती है। यदि सूची में गलत या फर्जी नाम हैं, तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता प्रभावित होती है।
  • नए मतदाताओं को जोड़ने का अवसर: 18 वर्ष पूरे करने वाले युवाओं के लिए यह एक बड़ा मौका होता है, जब वे औपचारिक रूप से लोकतंत्र में भागीदारी कर सकते हैं।
  • स्थानांतरण और मृत्यु के मामलों का अपडेट: अक्सर लोग शहर या राज्य बदलते हैं, लेकिन उनके नाम पुराने क्षेत्र की सूची में बने रहते हैं। SIR के दौरान ऐसे नामों को हटाने और सही क्षेत्र में जोड़ने की प्रक्रिया होती है।
  • भविष्य के चुनावों की तैयारी: SIR अभियान आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के सुचारू संचालन की नींव रखता है। एक सटीक मतदाता सूची होने से मतदान केंद्रों की व्यवस्था, सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स में आसानी होती है।

चुनाव आयोग के राज्यों को निर्देश

SIR: चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों (CEO) को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय प्रशासन और बीएलओ की सहायता से घर-घर सत्यापन करें। आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता सूची में किसी भी व्यक्ति का नाम जोड़ने या हटाने से पहले जनता को पर्याप्त समय और आपत्ति का अवसर दिया जाए। साथ ही, आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि SIR के दौरान महिला मतदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए।

डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया

SIR: इस बार आयोग ने विशेष जोर डिजिटल तकनीक पर दिया फ़है। Voter Helpline App और nvsp.in पोर्टल के माध्यम से नागरिक अपने नाम की स्थिति जांच सकते हैं, नया पंजीकरण कर सकते हैं या सुधार के लिए आवेदन दे सकते हैं। इससे प्रक्रिया और भी पारदर्शी व आसान बन गई है।

निष्कर्ष

SIR: विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सिर्फ एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को सशक्त करने की पहल है। यह हर नागरिक को अपने अधिकार और जिम्मेदारी का एहसास कराता है। जितनी सटीक मतदाता सूची होगी, उतना ही निष्पक्ष और पारदर्शी होगा चुनाव। इसलिए SIR आदेश न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने वाला कदम है।

 

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