BIHAR ELECTION: समस्तीपुर, बिहार विधानसभा चुनाव के बीच समस्तीपुर जिले में बड़ा मामला सामने आया है। जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के गुड़मा गांव में सड़क किनारे कूड़े के ढेर से हजारों वीवीपैट (VVPAT) पर्चियां मिलने से प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और पर्चियों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी।
प्रशासन अलर्ट
BIHAR ELECTION: सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार देर शाम स्थानीय लोगों ने कूड़े के ढेर में चुनावी पर्चियां देखीं और प्रशासन को सूचना दी। इसके बाद जिलाधिकारी-सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी रोशन कुशवाहा और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और विधानसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों को भी मौके पर बुलाया गया ताकि पारदर्शिता बनी रहे। प्रशासनिक टीम ने सभी वीवीपैट पर्चियों को जब्त किया और जांच के लिए सुरक्षित रख लिया।
डीएम बोले
BIHAR ELECTION: समस्तीपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने बताया कि यह मामला तकनीकी कारणों से जुड़ा हो सकता है। उन्होंने कहा, कमीशनिंग के दौरान मॉक पोल भी किया जाता है। लगभग 5 प्रतिशत मशीनों पर 1,000 तक मॉक पोल किए जाते हैं, जिनमें प्रत्येक बटन को दबाकर सिंबल की जांच की जाती है। संभव है कि ये पर्चियां उसी प्रक्रिया से संबंधित हों। उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद सभी तथ्यों का खुलासा हो जाएगा।
एसपी ने दी जानकारी
BIHAR ELECTION: समस्तीपुर एसपी ने बताया कि यह स्थान डिस्पैच सेंटर से मात्र 500 मीटर की दूरी पर है। उन्होंने कहा, ग्राम गुड़मा में कूड़े के ढेर से कुछ कटी और बिना कटी वीवीपैट पर्चियां मिलीं। सभी पर्चियों को प्रत्याशियों की मौजूदगी में जब्त किया गया है। सरायरंजन थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और लापरवाह कर्मियों को निलंबित किया जा रहा है।”
राजद ने उठाए सवाल, आयोग से मांगा जवाब
BIHAR ELECTION: घटना पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सवाल उठाया, समस्तीपुर में भारी संख्या में वीवीपैट पर्चियां मिलीं। कब, कैसे, क्यों और किसके इशारे पर इन्हें फेंका गया? क्या चुनाव आयोग जवाब देगा? क्या यह लोकतंत्र की चोरी नहीं है?”
राजद ने इस घटना को “लोकतंत्र के साथ खिलवाड़” बताया और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। यह घटना चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि यह मॉक पोल की पर्चियां हो सकती हैं, लेकिन विपक्ष इसे गंभीर चुनावी लापरवाही बता रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी कि यह गलती थी या किसी सुनियोजित लापरवाही का परिणाम।
आगे की जानकारी जल्द अपडेट हो रही है……
चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित एआरओ को लापरवाही के लिए निलंबित किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदान की निष्पक्षता का आश्वासन देते हुए कहा कि यह घटना केवल मॉक पोल पर्चियों से संबंधित है, मतदान प्रक्रिया की अखंडता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
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