Delhi Blast: देश की राजधानी दिल्ली का वह इलाका जो खचा-खच लोगों की भीड़ से भरा रहता था वह इलाका अब सुनसान पड़ा हुआ है। वजह है देर शाम हुआ वह धमाका जिसने 12 लोगों की जान ले ली है, जबकि न जाने कितने लोग घायल हुए हैं। जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। दरअसल, लाल किले के पास हुए इस धमाके के बाद से ही देश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। एजेंसी अब ये पता लगाने में जुटी है कि ये धमाका वाक्य कार में लगी CNG के फटने से हुआ या इसके पीछे किसी बड़े आतंकवादी का हाथ है। प्रारंभिक जांच में इस ब्लास्ट का तार एक मेडिकल नेटवर्क से जुड़ता दिखाई दे रहा है। सूत्रों के अनुसार, जिस कार में धमाका हुआ, वह डॉक्टर उमर नबी चला रहा था, जो फरीदाबाद स्थित अल फलाह मेडिकल कॉलेज में कार्यरत था। यही यूनिवर्सिटी हाल ही में तब सुर्खियों में आई थी जब वहां के एक अन्य डॉक्टर मुजम्मिल शकील को गिरफ्तार किया गया था। उसके ठिकाने से भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट, एक AK-47 राइफल और गोला-बारूद बरामद हुआ था।
जांच में उभरा डॉक्टरों का मॉड्यूल
एजेंसियों को शक है कि इस मॉड्यूल में सिर्फ डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल ही नहीं, बल्कि तीन और डॉक्टर शामिल हैं डॉ. शाहीन शाहिद, डॉ. आदिल अहमद राठर और डॉ. अहमद मोहिउद्दीन। सूत्रों के मुताबिक, ये पांचों डॉक्टर मिलकर एक नेटवर्क के रूप में काम कर रहे थे और इसी नेटवर्क को दिल्ली ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
Delhi Blast: फरीदाबाद से मिली विस्फोटक सामग्री
हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में डॉ. मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया था। वह करीब साढ़े तीन साल से अल फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस में रह रहा था। उसके कमरे से लगभग 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि उसने धौज क्षेत्र में एक अतिरिक्त कमरा किराए पर लिया था, जहां यह विस्फोटक सामग्री आठ बड़े और चार छोटे सूटकेस में छिपाकर रखी गई थी।

पोस्टर केस से लेकर गिरफ्तार तक
डॉ. आदिल अहमद राठर, जो मूल रूप से अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) का रहने वाला है, हाल ही में सहारनपुर के एक निजी अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ के रूप में काम कर रहा था। उसे कुछ समय पहले श्रीनगर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने के मामले में हिरासत में लिया था। जांच में उसके संपर्क डॉ. उमर और मुजम्मिल से जुड़े पाए गए। पुलिस के अनुसार, स्थानीय स्तर पर उसके खिलाफ कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
डॉ. शाहीन शाहिद की भूमिका
लखनऊ की रहने वाली डॉ. शाहीन शाहिद को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह डॉ. मुजम्मिल की करीबी बताई जा रही हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि मुजम्मिल अक्सर शाहीन की कार का इस्तेमाल करता था, और इसी वाहन से पुलिस को हथियार भी मिले हैं।
Delhi Blast: मुख्य संदिग्ध डॉक्टर उमर नबी
वहीं, लाल किला धमाके में मुख्य संदिग्ध के रूप में डॉ. उमर नबी का नाम सामने आया है। वह पुलवामा का निवासी था और डॉ. आदिल का करीबी सहयोगी बताया जा रहा है। उमर ने श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन की डिग्री हासिल की थी और जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के रूप में काम किया था। कुछ समय पहले ही वह दिल्ली आया था और अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहा था। एजेंसियों को शक है कि ब्लास्ट के समय वही कार में सवार था।
दिल्ली-एनसीआर में अलर्ट
दिल्ली पुलिस, एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो मिलकर मामले की तहकीकात कर रहे हैं। जांच में अभी तक जो सुराग मिले हैं, वे एक संगठित आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। धमाके के बाद दिल्ली-एनसीआर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, खासकर बॉर्डर इलाकों और मेट्रो स्टेशनों पर निगरानी कड़ी कर दी गई है।
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