JP Infrastructure: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मेसर्स जेपी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज गौर को मनी लॉन्ड्रिंग के एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया है। यह मामला घर खरीदारों और निवेशकों से जुड़ी कथित धोखाधड़ी और धन की हेराफेरी से संबंधित बताया जा रहा है।
ईडी का आरोप है कि जेपी इंफ्राटेक, जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड सहित समूह की कई कंपनियों ने घर खरीदारों से पैसा लेने के बाद वादे के अनुसार फ्लैट नहीं सौंपे। इसके बजाय, खरीदारों की रकम को अन्य प्रोजेक्ट्स में डायवर्ट कर दिया गया, जिससे हजारों लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में कुल 12 स्थानों पर छापेमारी की थी, जिनमें नोएडा के सेक्टर-128 में स्थित जेपी बिल्डर का मार्केटिंग ऑफिस भी शामिल है। इस कार्रवाई के दौरान गौरसंस, गुलशन, महागुन और सुरक्षा रियल्टी जैसी अन्य रियल एस्टेट कंपनियों से भी पूछताछ की गई थी।
JP Infrastructure: 44 साल पुरानी कंपनी अब दिवालियापन की कगार पर
जयप्रकाश गौर ने साल 1981 में जेपी ग्रुप की नींव रखी थी। कभी रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ी पहचान रखने वाली यह कंपनी अब दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है। इस बीच खबर है कि अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे है। कंपनी ने नीलामी प्रक्रिया में सबसे ऊंची बोली लगाई है।
इससे पहले वेदांता ग्रुप ने 12,505 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, लेकिन अब अडानी ग्रुप की पेशकश उससे अधिक बताई जा रही है। फिलहाल ईडी की जांच और आगे बढ़ सकती है तथा अन्य संबंधित कंपनियों पर भी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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