Indore EOW Scam: मध्य प्रदेश के इंदौर में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने एलएनसीटी समूह के शीर्ष संचालकों पर लगभग 200 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। यह मामला सामने आने के बाद भोपाल और इंदौर में शैक्षणिक जगत में भूचाल मच गया है। जानकारी के अनुसार, संस्था के पूर्व चेयरमैन अनिल संघवी की शिकायत पर यह एफआईआर दर्ज की गई। संघवी ने अपने कार्यकाल में संस्था का फॉरेंसिक ऑडिट कराया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एडहॉक समिति ने इन वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि की थी।

जांच में पाया गया कि संस्था का उद्देश्य जनहित और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं के बजाय परिवार और निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाना था। 2021 से 2025 के बीच कई घोटाले किए गए, जिसमें चौकसे परिवार और सहयोगियों पर बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियों और धोखाधड़ी का आरोप लगा। ईओडब्ल्यू ने जय नारायण चौकसे, अनुपम चौकसे, धर्मेंद्र गुप्ता, श्वेता चौकसे, पूनम चौकसे, पूजाश्री चौकसे और आशीष जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।
Indore EOW Scam: संचालकों पर लगे गंभीर आरोप
Indore EOW Scam: जांच में यह भी सामने आया कि श्री आस्था फाउंडेशन के नाम पर 32 करोड़ रुपये का बैंक लोन लिया गया, लेकिन इसका उपयोग एच.के. कल्चुरी ट्रस्ट के पुराने कर्ज चुकाने में किया गया। इसके अलावा, 21 दिन में 21.90 करोड़ रुपये सीधे पारिवारिक ट्रस्ट का कर्ज उतारने में खर्च किए गए। 12.15 करोड़ रुपये का टर्म लोन एलएनसीटी मेडिकल कॉलेज के नाम पर लिया गया, लेकिन यह भी निजी ट्रस्ट के ऋण चुकाने में लगाया गया।
छात्रों से वसूली गई 8.22 करोड़ रुपये की बस-हॉस्टल फीस को निजी कंपनियों और परिवार के खातों में डायवर्ट किया गया। इसके साथ ही, 49.74 लाख रुपये की छात्रवृत्ति राशि सीधे चौकसे परिवार की कंपनी के खाते में भेजी गई। यह सभी वित्तीय अनियमितताएँ इस बात का संकेत हैं कि संस्था ने छात्रों के हितों की अनदेखी की।
फर्जी लेन-देन और कर्मचारियों का रिकॉर्ड
Indore EOW Scam: जांच में यह भी पाया गया कि 50.67 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन केवल आंशिक वापसी के रूप में दिखाया गया। निर्माण कार्य के नाम पर ठेकेदार कंपनियों को 33.46 करोड़ और 8.75 करोड़ रुपये दिए गए, लेकिन वास्तविक काम नगण्य था। इसके अलावा, 600 कर्मचारियों का रिकॉर्ड फर्जी पीएफ पोर्टल पर केवल 4 नाम दर्ज किए गए हैं।

1.68 करोड़ रुपये की दवाइयाँ और 38 लाख रुपये की किताबें चौकसे परिवार की अपनी कंपनियों से खरीदी गईं। इसके अलावा, 20.17 करोड़ रुपये का अनसिक्योर्ड लोन एलएनसीटी यूनिवर्सिटी से दिखाया गया, लेकिन केवल 2.50 करोड़ रुपये का हिसाब दिया गया। यह सभी तथ्य इस घोटाले की गंभीरता को दर्शाते हैं।
Indore EOW Scam: शैक्षणिक जगत में हड़कंप
Indore EOW Scam: एलएनसीटी समूह लंबे समय से मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों में गिना जाता है, लेकिन पहली बार इसके शीर्ष संचालकों पर भारी वित्तीय अनियमितताओं का मामला दर्ज हुआ है। इंदौर और भोपाल में इस घोटाले की चर्चा जोरों पर है। छात्रों, अभिभावकों और शिक्षाविदों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि जो संस्था भविष्य गढ़ने का दावा करती थी, उसने छात्रों की फीस और सरकारी मदद को अपने निजी लाभ का जरिया क्यों बना दिया?
इस मामले की जांच आगे बढ़ने के साथ ही यह देखना होगा कि क्या EOW अन्य संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी। यह मामला न केवल शिक्षा क्षेत्र में बल्कि समाज के अन्य हिस्सों में भी व्यापक प्रभाव डाल सकता है।
Written by: Aditya Sharma
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