Cloudfare: लोकप्रिय इंटरनेट सुरक्षा और कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (सीडीएन) कंपनी क्लाउडफ्लेयर में अचानक आई तकनीकी खामी के कारण बुधवार को विश्वभर में लाखों वेबसाइटें एक साथ प्रभावित हो गईं। उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर शिकायत की कि कई वेबसाइट्स न तो लोड हो रही थीं और न ही उनकी सेवाओं तक पहुंच बनाई जा पा रही थी। इस कारण ई-कॉमर्स, समाचार पोर्टल, सरकारी सेवाएं और बैंकिंग सिस्टम तक में अस्थायी व्यवधान देखा गया।
क्लाउडफ्लेयर क्या करता है?
क्लाउडफ्लेयर दुनिया की प्रमुख इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है। यह वेबसाइटों को साइबर हमलों से सुरक्षा देता है और उन्हें तेज़ी से लोड होने में सहायता करता है। हजारों सरकारी पोर्टल और लाखों व्यावसायिक वेबसाइटें इस सेवा पर निर्भर हैं। यदि क्लाउडफ्लेयर के सर्वर में किसी प्रकार की खराबी आती है तो सीधे वेबसाइटों की पहुंच प्रभावित होती है।
Cloudfare: DNS और नेटवर्क रूटिंग में समस्या की आशंका
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि इस डाउनटाइम की मुख्य वजह DNS और नेटवर्क रूटिंग सिस्टम में गड़बड़ी थी। समस्या के कुछ ही मिनटों में इसे वैश्विक आउटेज के रूप में देखा जाने लगा, क्योंकि क्लाउडफ्लेयर का नेटवर्क कई देशों के इंटरनेट ट्रैफिक का बड़ा हिस्सा संभालता है।
कंपनी ने दी सफाई, सेवाएं बहाल
क्लाउडफ्लेयर ने बयान जारी कर कहा कि समस्या की पहचान कर ली गई है और इंजीनियरिंग टीम ने सुधार करते हुए अधिकतर सेवाओं को बहाल कर दिया है। कंपनी ने भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो, इसके लिए संरचनात्मक बदलाव की भी बात कही है।
Cloudfare: उपयोगकर्ताओं में नाराजगी
वेबसाइटें ठप होने से न केवल व्यवसायों को नुकसान हुआ, बल्कि करोड़ों उपयोगकर्ताओं को भी परेशानी झेलनी पड़ी। विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना से इंटरनेट इकोसिस्टम की एक कंपनी पर अत्यधिक निर्भरता का खतरा एक बार फिर सामने आया है। इंटरनेट सेवाओं में विविधता और बैकअप सिस्टम की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है। इस तकनीकी खामी के बाद साइबर सुरक्षा और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के बीच समन्वय को और मजबूत करने की मांग भी उठ रही है।
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