Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी जिला कारागार में एक अंडरट्रायल बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। हत्या के आरोप में जेल लाए गए एक अधेड़ बंदी ने कथित रूप से जेल परिसर में बने शौचालय में आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह जब परिजनों को इसकी जानकारी दी गई तो वे जेल परिसर पहुंच गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि बंदी को फर्जी तरीके से फंसाया गया था, इसी मानसिक दबाव में उसने यह कदम उठाया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा शुक्रवार प्रातः जिला कारागार पहुंचे। उनके साथ एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह और एएसपी पवन गौतम भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने पूरी घटना का मौके पर जाकर गहन निरीक्षण किया।
घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान DM–SP ने उस शौचालय को देखा जहाँ बंदी ने आत्महत्या की थी। कारागार कर्मियों से पूछताछ कर घटनाक्रम की पूरी श्रृंखला समझी गई। अधिकारियों ने पुरुष एवं महिला बैरकों, सुरक्षा व्यवस्था, तैनात स्टाफ और कैमरा कवरेज की भी समीक्षा की। DM ने जेल अधीक्षक से घटना के संबंध में तत्काल स्पष्टीकरण मांगा है। सुबह जब जेल प्रशासन ने परिजनों को घटना की जानकारी दी, तो वे रोते-बिलखते जेल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि मृतक को झूठे मुकदमे में फंसाकर गिरफ्तारी की गई, जिसके चलते वह तनाव में था और उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी परिजनों को शांत कराने और मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाने में जुटे रहे।

Lakhimpur Kheri: पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ कराने का आदेश
मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए DM ने विशेष पैनल गठित कर वीडियोग्राफी सहित पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया। इसके साथ ही मृत्यु के वास्तविक कारणों की वैज्ञानिक जांच सुनिश्चित की जा रही है। DM दुर्गा शक्ति नागपाल ने SP को निर्देश दिया कि जेल का सेफ्टी-कम-सिक्योरिटी ऑडिट 48 घंटे के भीतर पूरा कर रिपोर्ट पेश की जाए। उन्होंने कहा कि जेल सुरक्षा, निगरानी प्रणाली, संरचनात्मक खामियों और मानव संसाधन की जांच आवश्यक है, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
उच्चस्तरीय जांच अधिकारी नियुक्त
डीएम ने मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) नरेंद्र बहादुर सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। वे पूरी घटना की परिस्थितियों, सुरक्षा चूक, और बंदी की मानसिक स्थिति सहित अन्य पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु का वास्तविक कारण स्पष्ट हो सकेगा। इस बीच जिला कारागार प्रशासन पर निगरानी बढ़ा दी गई है और अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
Report By: संजय कुमार राठौर







