बॉलीवुड में अगर किसी एक्ट्रेस ने बिना शोर-शराबे के सिर्फ अपने काम से जगह बनाई है, तो वो तब्बू हैं।
14 साल की उम्र में देव आनंद की फिल्म हम नौजवान में रेप पीड़ित का किरदार निभाने वाली यह लड़की आज भारतीय सिनेमा की सबसे मजबूत अभिनेत्रियों में गिनी जाती है।
उनके अभिनय में वो गहराई है, जो कम ही कलाकारों में दिखती है।
पिता से रिश्ता नहीं
4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में तबस्सुम फातिमा हाशमी के रूप में जन्मी तब्बू बचपन से ही जिंदगी के उतार-चढ़ाव देख चुकी थीं।
जब वह तीन साल की थीं, तभी उनके पिता जमाल हाशमी ने मां रिजवाना को तलाक दे दिया और दूसरी शादी कर ली।
इसके बाद तब्बू और उनकी बहन फराह को मां ने अकेले पाला।
तब्बू ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं, क्योंकि उनकी दुनिया सिर्फ उनकी मां हैं।
हैदराबाद में शुरुआती पढ़ाई के बाद वह मुंबई आ गईं और सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ाई करते हुए धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया की ओर बढ़ीं।
14 की उम्र में निभाया सबसे मुश्किल किरदार
करियर की शुरूआत काफी छोटी उम्र से ही कर दिया था।
ऐसे में सिर्फ 14 साल की उम्र में तब्बू को देव आनंद की फिल्म हम नौजवान में काम करने का मौका मिला।
फिल्म में उन्होंने एक रेप पीड़िता की भूमिका निभाई थी।
इससे पहले वह बाजार फिल्म में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में नजर आ चुकी थीं।
असली शुरुआत हालांकि तेलुगु फिल्म कुली नंबर वन से हुई, जिसने उनके करियर को नई दिशा दी।
विजयपथ से स्टारडम
1987 में बोनी कपूर ने तब्बू को फिल्म प्रेम में साइन किया, जिसमें उनके अपोजिट संजय कपूर थे।
लेकिन किस्मत ने थोड़ा इंतजार करवाया यह फिल्म आठ साल बाद जाकर रिलीज हुई।
इस बीच 1994 में आई विजयपथ ने तब्बू की जिंदगी पलट दी।
अजय देवगन के साथ उनकी जोड़ी लोगों को खूब पसंद आई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।
दो किरदार जिन्होंने बनाया इतिहास
2007 में आई चीनी कम में तब्बू ने अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर की। फिल्म में उन्होंने 34 साल की निना का रोल निभाया, जो 64 साल के व्यक्ति से प्यार कर बैठती है।
उम्र के अंतर पर बनी यह कहानी अगर सस्ती स्क्रिप्ट के जाल में फंसती, तो फेल हो जाती लेकिन तब्बू के अभिनय ने इसे क्लास बना दिया।
2014 में हैदर आई, जिसमें उन्होंने शाहिद कपूर की मां ‘गजाला मीर’ का किरदार निभाया।
यह रोल इतना भावनात्मक और जटिल था कि तब्बू ने हर सीन में दर्शकों को भीतर तक झकझोर दिया।
विशाल भारद्वाज की इस फिल्म में उनके अभिनय की तारीफ सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि विदेशों में भी हुई।
पर्सनल लाइफ
फिल्मों की दुनिया जितनी चमकदार दिखती है, तब्बू की निजी जिंदगी उतनी ही सादगी और संघर्ष से भरी रही।
उनके अफेयर की चर्चाएं कई बार सुर्खियों में आईं कभी साजिद नाडियाडवाला, तो कभी नागार्जुन के साथ… नागार्जुन के साथ तब्बू का रिश्ता लगभग एक दशक तक चर्चा में रहा।
दोनों के बीच गहरी दोस्ती और लगाव था, लेकिन नागार्जुन पहले से शादीशुदा थे।
तब्बू ने अपने दिल को समझाया और इस रिश्ते से दूरी बना ली।
उन्होंने कभी खुलकर इस बारे में बात नहीं की, पर उनके करीबी कहते हैं कि वह रिश्ता उनके जीवन का सबसे इमोशनल दौर था।
साल 2017 में नागार्जुन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि तब्बू उनकी बहुत पुरानी और प्यारी दोस्त हैं और उनके रिश्ते को लेकर छुपाने जैसा कुछ नहीं है। तब्बू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
माचिस, विरासत, हु तू तू, चांदनी बार, हैदर और अंधाधुन जैसी फिल्मों ने उन्हें देश और विदेश में पहचान दिलाई।
विवादों से भी रहा नाता
तब्बू का नाम साल 1998 के काला हिरण शिकार केस में भी सामने आया था, जब हम साथ साथ हैं की शूटिंग जोधपुर में चल रही थी।
सलमान खान, सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम और करिश्मा कपूर के साथ तब्बू पर भी केस दर्ज हुआ था।
हालांकि, बाद में वह इस मामले से बरी हो गईं और उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें बेवजह घसीटा गया था।
तब्बू कभी ट्रेंड या ग्लैमर के पीछे नहीं भागीं।
उन्होंने वही किरदार चुने जो उन्हें भीतर से छूते थे, चाहे माचिस में आतंकवाद की पृष्ठभूमि हो या चांदनी बार में एक बार डांसर की त्रासदी…
बता दें कि तब्बू को पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है। दर्जनों पुरस्कार उनके नाम हैं।
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