AMRIT PHARMACY: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि अमृत (उपचार के लिए किफायती दवाएं और विश्वसनीय प्रत्यारोपण) फार्मेसी आज देश में एक मज़बूत राष्ट्रीय नेटवर्क के रूप में विकसित हो चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 255 से ज़्यादा अमृत फार्मेसियाँ संचालित हो रही हैं और सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 500 दुकानों तक ले जाने का है। नड्डा शनिवार को यहाँ अमृत फार्मेसी के 10वें वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन कर रहे थे।
AMRIT PHARMACY: नड्डा ने कहा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक नागरिक को सुलभ, किफायती और न्यायसंगत स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए जन औषधि और अमृत योजना की परिकल्पना की गई, जिनका मकसद दवाइयों और चिकित्सा सामग्री को आम लोगों तक उचित कीमत पर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि आज अमृत योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसका दायरा लगातार बढ़ रहा है।
हर एम्स में अमृत फार्मेसी मौजूद है
नड्डा ने बताया कि देश के हर एम्स में अमृत फार्मेसी मौजूद है, लेकिन अब अगला चरण इसे हर मेडिकल कॉलेज और हर ज़िला अस्पताल तक पहुँचाने का है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के हर स्तर पर नागरिकों को सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध हों, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि ब्रांडेड दवाओं पर 50 प्रतिशत तक की छूट देना अमृत योजना की बड़ी उपलब्धि है, जिससे अब तक 6.85 करोड़ से अधिक मरीजों को लाभ मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि इन फार्मेसियों के माध्यम से नागरिकों को लगभग 8,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो इस योजना के प्रभाव को दर्शाता है।
AMRIT PHARMACY: जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि अमृत फार्मेसी के व्यापक नेटवर्क के बावजूद अभी भी कई नागरिक इसकी सेवाओं से अनजान हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि जन-जागरूकता बढ़ाना बेहद आवश्यक है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन किफायती सेवाओं का लाभ उठा सकें। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के विज़न और नड्डा के मार्गदर्शन में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण दवाओं तक सस्ती, सुलभ और समान पहुंच सुनिश्चित हो सके।
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