Attack on CJI: देश की सर्वोच्च अदालत में बीते दिन सोमवार को उस समय अप्रत्याशित हालात बन गए जब एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। यह घटना भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में अभूतपूर्व मानी जा रही है, जिसने देशभर में चर्चा को जन्म दे दिया है। घटना के बाद आरोपी को तत्काल हिरासत में ले लिया गया। हालांकि CJI के कहने पर बाद में वकील को रिहा कर दिया गया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुई इस असामान्य घटना को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। वहीं, इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की हरकतें भारतीय न्याय प्रणाली और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति असम्मान को दर्शाती हैं, जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।
CJI पर हमला चिंता की बात
Attack on CJI: तेजस्वी यादव ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र और संविधान पर हमला है। जब देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति को अदालत में ही अपमान का सामना करना पड़े, तो यह चिंता की बात है। यह वही माहौल है जो 2014 के बाद देश में राजकीय संरक्षण के तहत फैलाया गया, जहां घृणा और हिंसा को सामान्य बना दिया गया। आरजेडी नेता ने इस घटना को संविधान और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की विचारधारा के प्रति असहिष्णुता का प्रतीक बताते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश दलित समुदाय से आते हैं और संविधान की भावना का पालन करते हैं। अगर ऐसे व्यक्ति भी संवैधानिक पदों पर सुरक्षित नहीं हैं, तो यह सवाल सिर्फ न्यायपालिका नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है।
आज सर्वोच्च न्यायालय में ही मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंका गया। यह हमारे लोकतांत्रिक और न्यायिक इतिहास की एक शर्मनाक घटना है। जब देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन व्यक्ति को न्यायालय में ही इस तरह के अपमान का सामना करना पड़े, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। 2014 के बाद जिस तरीके से… pic.twitter.com/W9WhmXi49q
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 6, 2025
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह जूता मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान और उसके रचयिता बाबा साहेब अंबेडकर पर फेंका गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म के नाम पर नफरत फैलाने वाले लोग अब खुलेआम देश की संस्थाओं पर प्रहार कर रहे हैं। बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि संविधान और दलित विरोधी मानसिकता रखने वाले भाजपाई इस घटना पर चुप क्यों हैं। क्या उन्हें यह सब ठीक लग रहा है। न्यायपालिका की गरिमा हमारे लोकतंत्र की रीढ़ है और इसे बचाना हर नागरिक का कर्तव्य है।
वीडियो के अंत में तेजस्वी यादव ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसी प्रवृत्तियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों जो संविधान और न्याय की नींव को कमजोर कर रही हैं। लोकतंत्र तभी मजबूत रहेगा जब हम उसकी संस्थाओं का सम्मान करेंगे और संविधान की मर्यादा को बनाए रखेंगे।
ये भी पढ़े… UP Police News: कौन हैं योगी के तेज तर्रार IPS रघुवीर लाल? जिनके कंधों पर सौंपी गई कानपुर की कमान