Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुई हिंसा के बाद से ही योगी सरकार उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती नजर आ रही है। 26 सितंबर को हुए इस हिंसा मामले में अब नया मोड़ देखने को मिला है। दरअसल, पुलिस जांच में सामने आया है कि यह घटना किसी अचानक भड़की भीड़ का परिणाम नहीं, बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी। मामले की तह तक जाते हुए पुलिस ने अब तक 17 से अधिक लोगों को मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में चिह्नित किया है।
साजिश में तौकीर रजा के करीबियों का हाथ?
Bareilly Violence: पुलिस जांच में सामने आया कि हिंसा के पीछे एक संगठित योजना थी, जिसमें मौलाना तौकीर रजा की भूमिका पुलिस पहले ही उजागर कर चुकी है। अब पुलिस ने उनके करीबी डॉ. नफीस, पार्षद अनीस, नदीम, मुनीर इदरीशी, हिस्ट्रीशीटर नयाब उर्फ मुन्ना, अफजाल बेग और फरहत को भी साजिश का हिस्सा मानते हुए केस में नामजद किया है। इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 61 के तहत षड्यंत्र रचने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने इन पर कुल 10 एफआईआर में अभियुक्त के तौर पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस जांच में ये भी पता चला कि 26 सितंबर को शहर में भारी भीड़ इकट्ठा हुई थी जो देखते ही देखते हिंसक हो गई। पुलिस पर पथराव और फायरिंग की गई। घटनास्थल से पेट्रोल से भरी बोतलें, देसी तमंचे और अन्य हथियार बरामद किए गए। हिंसा के पीछे की रणनीति का खुलासा तब हुआ जब कुछ नाम पहले से दर्ज अभियुक्तों के साथ जोड़े गए।
फिलहाल, पुलिस की जांच में सात और नाम शामिल हुए है जिसमें फैजल नवी, मोबीन कुरैशी, साजिद सकलैनी, सुभान उर्फ सूरन, फरहान रजा खां और मोईन खां शामिल है। इन सभी पर मौलाना तौकीर रजा के साथ मिलकर हिंसा की योजना बनाने का आरोप है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी के लिए रणनीति तैयार कर ली है। हिंसा को लेकर एसएसपी अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया है कि हर उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जिसके खिलाफ साक्ष्य उपलब्ध हैं। हिंसा पूर्व नियोजित थी और उसका मकसद शहरी अमन-चैन को नुकसान पहुंचाना था।