Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के तीन बंदर हैं पप्पू, टप्पू और अप्पू। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि गप्पू तो बीजेपी में हैं। अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। बीजेपी में बड़े-बड़े गप्पू हैं और बाकी चप्पू है।
जो लोग आईना देखकर आते हैं
उन्हें हर तरफ़ बंदर नज़र आते हैं
बंदर की टोली में बैठा दिये जाएं
तो अलग नज़र भी नहीं आते हैं!— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 3, 2025
एक्स पर पोस्ट कर कसा तंज
Bihar Election 2025: सपा चीफ अखिलेश यादव ने सीएम योगी के पप्पू, अप्पू और टप्पू वाले बयान के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि जो लोग आईना देखकर आते हैं, उन्हें हर तरफ बंदर नजर आते हैं। बंदर की टोली में बैठा दिये जाएं तो अलग नजर भी नहीं आते हैं! एनडीए पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि इस बार बिहार की जनता बदलाव करने जा रही है, परिवर्तन लाने जा रही है, एक नौजवान मुख्यमंत्री की सरकार बनाने जा रही है।
बिहार में ‘बदलाव’ की बयार है
‘नौकरी’ की आनेवाली बहार है
भाजपा अब जानेवाली बाहर है
महागठबंधन जीतेगा इस बार है pic.twitter.com/3Fu60uID0g— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 3, 2025
दरभंगा में क्या बोले थे सीएम योगी?
Bihar Election 2025: दरअसल, दरभंगा जिले के केवटी विधानसभा क्षेत्र में रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा था कि आपने गांधी जी के तीन बंदरों के बारे में सुना होगा, आज इंडी गठबंधन के तीन और बंदर आ गए। पप्पू, टप्पू और अप्पू के नाम पर। पप्पू सच बोल नहीं सकता, अच्छा बोल नहीं सकता, टप्पू अच्छा देख नहीं सकता और अप्पू सच सुन नहीं सकता। इन लोगों को एनडीए सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्य दिखाई नहीं दे रहे है। इसके बारे में बोल नहीं सकते, सुन नहीं सकते, देख नहीं सकते, इसलिए दुष्प्रचार कर रहे हैं। सीएम योगी ने आगे कहा था इंडी गठबंधन के तीन बंदरों की जोड़ी है, ये बिहार में खानदानी माफिया को गले लगाकर बिहार की सुरक्षा में सेंध लगाने का काम कर रहे हैं। घुसपैठियों को बिहार की धरती में घुसाकर बिहार की सुरक्षा में सेंध लगा रहे हैं। आरजेडी की सरकार के समय में यहां पर बिहार के अंदर 70 से अधिक नरसंहार की घटनाएं हुई थी। बिहार में जाति को जाति से लड़ाते थे। पर्व और त्यौहार नहीं होने देते थे। बेटी, व्यापारी असुरक्षित, कट्टा बंदूक लेकर के बिहार की पूरी व्यवस्था को धूमिल करने का प्रयास किया था। ये आपको तो जाति के नाम पर बांटते हैं और फिर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सेंध लगाने का काम करते हैं।







