Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के बीच ‘जननायक’ शब्द को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। पटना में लगे एक पोस्टर में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को ‘जननायक’ बताने के बाद बीजेपी सहित कई राजनीतिक दलों ने आरजेडी पर निशाना साधा है। इतना ही नहीं, अब आरजेडी के भीतर से भी इस शब्द को लेकर असहमति की आवाजें उठ रही हैं।
पोस्टर विवाद पर दी प्रतिक्रिया
Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव के बड़े भाई और आरजेडी विधायक तेजप्रताप यादव ने पोस्टर विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग तेजस्वी को जननायक बता रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए। सच्चे जननायक वही होते हैं जो जनता के बीच जाकर उनके लिए काम करते हैं। लालू प्रसाद यादव, कर्पूरी ठाकुर, भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे लोगों को ही जननायक कहा जा सकता है। आज जो खुद को जननायक कह रहे हैं, उन्हें जनता की भावना समझनी चाहिए।
बिहार के गरीबों और युवाओं का समर्थन
Bihar Election 2025: तेज प्रताप ने यह भी कहा कि उनके पास लालू यादव या राहुल गांधी जैसी ‘छत्रछाया’ नहीं है, लेकिन उनके पास बिहार के गरीबों और युवाओं का समर्थन है। उन्होंने जोड़ा कि मैं अपने दम पर काम करके परिणाम दिखाऊंगा। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को भी छत्रछाया से बाहर निकलकर खुद मेहनत करनी चाहिए।

परिवारिक मतभेदों के संकेत
Bihar Election 2025: गौरतलब है कि तेजप्रताप यादव पहले भी ‘जननायक’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर तेजस्वी पर निशाना साध चुके हैं। उनके बयानों से साफ है कि यादव परिवार के भीतर राजनीतिक मतभेद अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। आरजेडी महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी कहा था कि तेजस्वी यादव के जननायक बनने में अभी समय है। अगर वे लालू प्रसाद और जननायक कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर चलते हैं, तो आने वाले समय में जनता उन्हें जरूर जननायक कहेगी। इस बीच, जेडीयू ने आरजेडी के ‘जननायक’ पोस्टर के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर वाला ‘जनसेवक’ पोस्टर जारी किया गया है। अब बिहार के राजनीतिक गलियारों में ‘जननायक बनाम जनसेवक’ की नई जंग छिड़ चुकी है।







