Bihar Election Results 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में डाले गए वोटों की गिनती जारी है। कुछ ही देर में राज्य की जनता के वोट ये तय कर देंगे कि अगले पाँच साल सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी। शुरुआती रुझानों ने एक समय ऐसा संकेत दिया था कि पहली बार चुनाव मैदान में उतरी प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी तीसरे बड़े विकल्प के रूप में उभर सकती है। लेकिन मतगणना आगे बढ़ने के साथ यह उम्मीद कमज़ोर पड़ती दिख रही है और पार्टी का प्रदर्शन गिरता नजर आ रहा है।
25 सीटें मिलने का दावा भी फैल
शुरुआत में पाँच सीटों पर बढ़त बनाने वाली जनसुराज पार्टी अब केवल दो सीटों पर ही स्थिति संभाले हुए दिख रही है। प्रशांत किशोर द्वारा जेडीयू को मात्र 25 सीटें मिलने का दावा भी फिलहाल रुझानों के आधार पर गलत साबित होता दिख रहा है। दरभंगा ग्रामीण, चेरिया बरियारपुर और करगहर सीटों पर जनसुराज उम्मीदवार शुरुआत में आगे थे। चनपटिया सीट से मनीष कश्यप ने अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन अब वे तीसरे स्थान पर खिसक चुके हैं। करगहर सीट से भोजपुरी गायक रितेश पांडे आगे चल रहे हैं।
Bihar Election Results 2025: जनसुराज पार्टी ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प
इस बार के विधानसभा चुनाव में पारंपरिक गठबंधनों के साथ-साथ एक नए राजनीतिक प्रयोग जनसुराज ने भी माहौल को खासा रोचक बनाया है। प्रशांत किशोर ने अपनी जनसुराज यात्रा के माध्यम से बीते कुछ वर्षों में गांव-गांव जाकर जनता के मुद्दों को करीब से समझा। बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों को उन्होंने लगातार उठाया और इसी आधार पर चुनावी मैदान में उतरे। राजनीतिक विशेषज्ञों से लेकर आम मतदाताओं तक, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि क्या यह नया राजनीतिक प्रयोग बिहार की परंपरागत राजनीति में हलचल मचा पाएगा और क्या जनता पीके के “परिवर्तन मॉडल” को स्वीकार करेगी।
238 सीटों पर उम्मीदवार
जनसुराज पार्टी ने 238 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यह कदम उनके पूरे राज्य में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की इच्छा को दर्शाता है। पार्टी के उम्मीदवारों में पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, उद्यमी और कला जगत से जुड़े लोग शामिल हैं। प्रशांत किशोर स्वयं चुनाव नहीं लड़ रहे, लेकिन उन्होंने राजनीति में साफ-सुथरे विकल्प की बात को प्रमुखता दी है। बताते चले कि प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले साफ कहा था कि यह चुनाव उनके लिए परीक्षा की तरह है जनसुराज या तो बड़ी ताकत बनकर उभरेगी या पूरी तरह खारिज कर दी जाएगी। उनके इस दो-टूक रुख ने चुनावी उत्सुकता और बढ़ा दी थी। हालाँकि मौजूदा रुझानों में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं दिख रहा।







