DELHI BLAST: राजधानी दिल्ली के लाल किले से महज 300 मीटर की दूरी पर सोमवार शाम हुए कार धमाके ने न सिर्फ दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पूरे देश के राजनीतिक माहौल को भी झकझोर दिया है। मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में खड़ी i-20 कार अचानक आग के गोले में बदल गई, जिसके बाद राजधानी में हड़कंप मच गया। अभी तक 8 लोगों की मौत और 24 से अधिक के घायल होने की पुष्टि हुई है।
कार किसकी थी, और कैसे पहुंची वहां तक – जांच का सबसे अहम सवाल

DELHI BLAST: जांच एजेंसियों के मुताबिक, जिस i-20 कार में धमाका हुआ, वह हरियाणा के गुरुग्राम में रजिस्टर्ड थी। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि यह कार नदीम खान के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसे बाद में दिल्ली निवासी सलमान ने खरीदा था। फिलहाल पुलिस ने सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
NIA और NSG की टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं और यह जांच की जा रही है कि कार में विस्फोटक सामग्री कब और कैसे रखी गई। आस-पास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, ब्लास्ट का एंगल सामान्य नहीं लगता, बल्कि इसमें किसी सुनियोजित नेटवर्क की गतिविधि झलक रही है।
बिहार चुनाव से पहले ब्लास्ट क्या यह एक इत्तेफ़ाक है?
DELHI BLAST: यह धमाका उस वक्त हुआ है जब बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले पूरे देश का राजनीतिक माहौल गर्म है। विपक्ष सत्तारूढ़ दलों पर विफलता के आरोप लगा रहा है और केंद्र सरकार सुरक्षा एजेंसियों के प्रति जवाबदेह है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसे समय में राजधानी में धमाका सिर्फ “सुरक्षा चूक” नहीं कहा जा सकता, यह या तो किसी साजिश का संकेत है या किसी संगठन की ओर से देश में भय फैलाने का प्रयास।
आतंकी मॉड्यूल की गतिविधियाँ लगातार बढ़ी
DELHI BLAST: कई सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस बात की ओर इशारा किया है कि पिछले कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में आतंकी मॉड्यूल की गतिविधियाँ लगातार बढ़ी हैं। ठीक इसी दिन फरीदाबाद से एक महिला के पास AK-47 बरामद हुई और जम्मू में हथियारों की खेप पकड़ी गई। क्या यह सब घटनाएं आपस में जुड़ी हैं?
राजधानी से लेकर राज्यों तक अलर्ट मोड
DELHI BLAST: गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और सुरक्षा एजेंसियों को सख्त निर्देश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उच्चस्तरीय बैठक कर स्थिति की जानकारी ली। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, भोपाल और जबलपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। रेलवे स्टेशन, मेट्रो और एयरपोर्ट पर सघन जांच जारी है।
धार्मिक एंगल और सुरक्षा तंत्र पर प्रश्नचिह्न
DELHI BLAST: पिछले कुछ सालों में जिन घटनाओं ने देश को झकझोरा, उनमें अक्सर धार्मिक पहचान से जुड़े संदिग्ध नाम सामने आए हैं। इस बार भी प्रारंभिक जांच में ऐसे संकेत मिल रहे हैं, जिनसे जांच एजेंसियाँ सतर्क हो गई हैं। हालाँकि, अभी किसी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह सवाल ज़रूर उठता है कि “आख़िर हर बड़े धमाके के बाद ही सुरक्षा तंत्र क्यों सक्रिय होता है?”
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया- बयानबाज़ी से आगे क्या?
DELHI BLAST: ब्लास्ट के कुछ ही घंटे बाद राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं व्यक्त कीं, लेकिन विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या केवल बयानबाज़ी से स्थिति सुधरेगी? बिहार चुनाव से पहले ऐसा हादसा कहीं राजनीतिक नैरेटिव को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं? कई विश्लेषक मानते हैं कि इससे मतदाताओं की भावनाओं और माहौल पर असर पड़ सकता है।
दिल्ली धमाका सिर्फ एक हादसा नहीं, चेतावनी है
DELHI BLAST: यह धमाका एक सुरक्षा संदेश है कि देश की राजधानी तक में घुसपैठ संभव है, और चुनावी माहौल में यह एक बड़ी चुनौती बन सकता है। अब देश की निगाहें सिर्फ एक सवाल पर हैं , क्या यह एक साधारण कार हादसा था, या किसी बड़ी साजिश की झलक?
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