DELHI BLAST: दिल्ली पुलिस ने लाल किला कार बम विस्फोट मामले में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सोमवार को गृह मंत्रालय को सौंप दी है। अधिकारियों ने बताया कि यह एक आत्मघाती हमला था, जिसे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) से जुड़े तीन संदिग्धों ने अंजाम दिया।
शुरुआत में कोतवाली थाना पुलिस ने इस घटना को बम विस्फोट के रूप में दर्ज किया था, लेकिन मामले की गंभीरता देखते हुए उसी दिन गृह मंत्रालय ने जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी। अब एनआईए टीम जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद पुलिस के साथ समन्वय कर रही है।
उमर मोहम्मद था मुख्य साजिशकर्ता
DELHI BLAST: सूत्रों के अनुसार, कार चला रहा डॉ. उमर मोहम्मद, जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अन्य मामले में फरार चल रहा था। फरीदाबाद में उसके साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने घबराहट में हमले की योजना बनाई। जांच में पता चला है कि पुलवामा निवासी तारिक ने यह कार सलमान नामक व्यक्ति से खरीदी थी। बाद में उसने इसे आमिर को बेचा, जिसने आगे चलकर वाहन डॉ. उमर को सौंप दिया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, उमर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर कार में डेटोनेटर लगाकर एएनएफओ (Ammonium Nitrate Fuel Oil) से यह धमाका किया।

वीडियो और डीएनए से मिले सुराग
DELHI BLAST: विस्फोट से कुछ ही समय पहले सामने आए एक वीडियो में नकाबपोश व्यक्ति कार चलाते हुए दिख रहा है, जिसकी पहचान डॉ. उमर मोहम्मद के रूप में की गई है। एनआईए मृतक कार सवार के डीएनए टेस्ट के जरिए पहचान की पुष्टि करेगी। जांच एजेंसियाँ फिलहाल वाहन में मौजूद तीनों संदिग्धों की पहचान कर रही हैं।
तकनीकी सबूतों की गहन जांच
DELHI BLAST: सूत्रों के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने 4,000 से अधिक CCTV फुटेज का विश्लेषण किया है और इलाके में सक्रिय मोबाइल फोनों के डंप डेटा की जांच की जा रही है ताकि संदिग्धों की मूवमेंट का पता लगाया जा सके। इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. उमर के परिवार के कुछ सदस्यों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। एनआईए अधिकारियों ने उनके बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
13 की मौत, 24 घायल
DELHI BLAST: 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी i20 कार में हुए धमाके में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 लोग घायल हैं। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई और दर्जनों दुकानों के शीशे टूट गए।
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