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Delhi CM: छात्र राजनीति और संगठन के अनुभव ने रेखा गुप्ता को दिलाई दिल्ली की गद्दी

Delhi CM rekha gupta

27 वर्ष बाद दिल्ली में कमल खिला है। लंबे सस्पेंस के बाद भाजपा ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम और पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र प्रवेश वर्मा को दिल्ली का डिप्टी सीएम बनाया गया है। जानकारों की मानें तो रेखा गुप्ता को छात्र राजनीति से लेकर संगठन का अनुभव और आरएसएस से नजदीकी का फायदा मिला है तो वहीं प्रवेश वर्मा को डिप्टी सीएम बनाकर भाजपा ने जाटों को साधने की कोशिश की है क्यों कि 11 जाट विधायक भाजपा के जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं तो प्रवेश वर्मा को दिल्ली सीएम के रूप में प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।

अब बात करें दिल्ली सीएम पद की शपथ लेने वाली रेखा गुप्ता के पारिवारिक और राजनीतिक सफर की तो रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता जयभगवान की नौकरी दिल्ली में लगने के बाद, उनका परिवार दिल्ली स्थानांतरित हो गया। रेखा की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हुई, जहां से उन्होंने 12वीं पास की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से स्नातक किया।

छात्र जीवन से ही उनमें नेतृत्व के गुण दिखने लगे थे। 1994-95 में वे दौलत राम कॉलेज में छात्र संघ की सचिव बनीं। इसके बाद 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव और 1996-97 में अध्यक्ष बनीं। यहीं से उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ, जिसमें वे लगातार आगे बढ़ती रहीं।

राजनीति में प्रवेश और सफलता

राजनीति में उनकी शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से हुई। ABVP में सक्रिय रहने के बाद, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कदम रखा और संगठनात्मक कार्यों में जुड़ गईं। 2003-04 में उन्हें भाजपा युवा मोर्चा दिल्ली की सचिव बनाया गया। 2004-06 में वे भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। इसके बाद 2007 में उन्होंने उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से नगर निगम चुनाव लड़ा और पार्षद चुनी गईं। पार्षद के रूप में उन्होंने महिला कल्याण और बाल विकास समिति की अध्यक्षता भी की।उनके कार्यों को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने उन्हें 2010 में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर लिया। इसके बाद 2025 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने शालीमार बाग से जीत हासिल की और दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।

दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव

दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में रेखा गुप्ता का नाम चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज हो गया है। इससे पहले दिल्ली में तीन महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं:

  1. सुषमा स्वराज (1998) – भारतीय जनता पार्टी से दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 52 दिन का रहा।
  2. शीला दीक्षित (1998-2013) – कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और उन्हें दिल्ली के विकास की दिशा में बड़ा योगदान देने वाली नेता माना जाता है।
  3. आतिशी (2024-2025) – आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने 2024 में मुख्यमंत्री पद संभाला लेकिन उनका कार्यकाल लंबा नहीं चल सका।

अब, रेखा गुप्ता 2025 में दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं हैं। भाजपा ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की और रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। रामलीला मैदान में आयोजित भव्य समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने यमुना आरती में भाग लिया और अपने कार्यकाल में दिल्ली को बेहतर बनाने का संकल्प लिया।

उनकी कुल संपत्ति और वित्तीय स्थिति

2025 में दाखिल चुनावी हलफनामे के अनुसार, रेखा गुप्ता की कुल संपत्ति 5.31 करोड़ रुपये है। उनकी संपत्ति में निम्नलिखित प्रमुख चीजें शामिल हैं:

  • नकद और बैंक बैलेंस – 1.2 करोड़ रुपये
  • सोना और आभूषण – 29 लाख रुपये
  • एलआईसी और अन्य निवेश – 53 लाख रुपये
  • अचल संपत्ति (जमीन और मकान) – 3.5 करोड़ रुपये

उनके पति मनीष गुप्ता, जो कि एक व्यवसायी हैं, ऑटो स्पेयर पार्ट्स का व्यापार करते हैं। उनकी वार्षिक आय 97.33 लाख रुपये है।

महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं रेखा गुप्ता

रेखा गुप्ता का जीवन संघर्ष और मेहनत की कहानी है। एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर न केवल राजनीति में रुचि रखने वाली महिलाओं बल्कि आम जनता के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने कहा, “मेरा सपना है कि दिल्ली को स्वच्छ, सुरक्षित और समृद्ध शहर बनाया जाए। मैं महिलाओं की सुरक्षा और युवाओं के रोजगार के लिए ठोस कदम उठाऊंगी।”

दिल्ली सीएम के रूप में रेखा के सामने ढेरों चुनौतियां

मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके सामने कई चुनौतियाँ होंगी, जिनमें दिल्ली में प्रदूषण की समस्या, ट्रैफिक व्यवस्था सुधार, बिजली-पानी की समस्याएँ और महिला सुरक्षा प्रमुख हैं। रेखा गुप्ता ने अपने पहले भाषण में कहा कि वे दिल्ली के विकास के लिए एक व्यापक नीति लाएँगी और जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा की सरकार पारदर्शिता और सुशासन के मूल सिद्धांतों पर कार्य करेगी। दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने के बाद अब सभी की निगाहें उनके कामकाज पर रहेंगी। आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे दिल्ली को कैसे एक नए रूप में ढालती हैं।