G20 MODI: जी20 लीडर्स समिट से पहले जोहान्सबर्ग में भारतीय समुदाय के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने भारत–दक्षिण अफ्रीका के सांस्कृतिक और मानवीय रिश्तों को नई दिशा दी। यह बैठक केवल कम्युनिटी इंटरैक्शन नहीं रही, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक कूटनीति को और आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर बनी।
भारतीय समुदाय से जुड़ाव और सॉफ्ट पावर बढ़ाने की पहल
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि दक्षिण अफ्रीका में सक्रिय भारतीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए और भारत की प्रगति पर गर्व जताया। उन्होंने समुदाय को लोगों-से-लोगों के जुड़ाव को मजबूत करने, भारतीय संस्कृति की पॉपुलैरिटी बढ़ाने और योग–आयुर्वेद जैसी प्रैक्टिस को स्थानीय समाज में और प्रचलित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने ‘Know India Quiz’ में दक्षिण अफ्रीका के युवाओं और परिवारों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही।
G20 MODI: पीएम मोदी ने तीन मुद्दों पर खास ध्यान दिया
बैठक में भारत–साउथ अफ्रीका के सांस्कृतिक रिश्तों, धार्मिक कनेक्शनों और बहु-पीढ़ीय भारतीय मूल के लोगों की भूमिका को आगे बढ़ाने पर फोकस रहा। एक कम्युनिटी लीडर के अनुसार, पीएम मोदी ने तीन मुद्दों पर खास ध्यान दिया- स्थानीय भाषाओं के संरक्षण में भारतीय समुदाय की भूमिका, भारत के टूरिज्म को बढ़ावा देने की सामूहिक जिम्मेदारी, और साउथ अफ्रीका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों की 6–7 पीढ़ियों को अपनी जड़ों से फिर जोड़ने का विजन।
G20 MODI: कम्युनिटी लीडर्स ने मोदी के लीडरशिप की सराहना की
चिन्मय मिशन साउथ अफ्रीका के स्वामी अभेदानंद और अन्य समुदाय प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री की लीडरशिप और प्रेरक संवाद की सराहना की। इसी दौरान चिन्मय मिशन की ओर से मिले एक विशेष कलश को पीएम मोदी ने साझा किया, जिसमें भारत और दक्षिण अफ्रीका से आए ‘श्री अन्न’ (मिलेट्स) शामिल हैं। यह कलश डरबन के अन्नपूर्णा देवी मंदिर में स्थापित किया जाएगा और जो दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्तों का प्रतीक है।
वैश्विक कूटनीति को गति मिलेगी
जोहान्सबर्ग में हुई ये मुलाकातें भारतीय डायस्पोरा के बीच भारत की भावनात्मक उपस्थिति और सॉफ्ट पावर को और मजबूत करती हैं। जी20 समिट के दौरान पीएम मोदी की कई द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद है, जिससे भारत की वैश्विक कूटनीति को गति मिलेगी।
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