JHARKHAND DGP: झारखंड पुलिस इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। राज्य को पहली बार महिला पुलिस प्रमुख मिली हैं। 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने शुक्रवार को झारखंड की प्रभारी डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। इस तरह झारखंड के गठन के 25 वर्षों बाद किसी महिला अधिकारी ने पहली बार पुलिस प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली है।
झारखंड पुलिस इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा
JHARKHAND DGP: तदाशा मिश्रा ने रांची स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पदभार संभाला और उसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके कांके स्थित आवासीय कार्यालय में मुलाकात की। मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट के दौरान उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में अपने विजन की रूपरेखा साझा की।डीजीपी का पदभार संभालने से पहले तदाशा मिश्रा राज्य के गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के रूप में कार्यरत थीं। मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली मिश्रा झारखंड पुलिस में कई अहम पदों पर सेवाएं दे चुकी हैं। वे एडीजी, आईजी, गिरिडीह और बोकारो की एसपी तथा रांची की सिटी एसपी रह चुकी हैं।
मीडिया से बातचीत
JHARKHAND DGP: पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट कीं। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग को लेकर झारखंड सरकार के विजन को जमीन पर उतारना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। मिश्रा ने कहा, “पुलिस कार्रवाई का वास्तविक परिणाम तभी मिलता है जब अनुसंधान (इन्वेस्टिगेशन) की गुणवत्ता बेहतर हो। इसलिए हम जांच प्रक्रिया को और मजबूत बनाने पर फोकस करेंगे।”
पुलिस शालीनता और सम्मान से व्यवहार करें
JHARKHAND DGP: उन्होंने आगे कहा कि अभियोजन प्रणाली को अधिक प्रभावी, त्वरित और सशक्त बनाना जरूरी है ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा मिल सके। उन्होंने पुलिस बल के सभी स्तरों पर अनुशासन और जनसंपर्क को मजबूत करने की अपील की। मिश्रा ने कहा कि पुलिसकर्मी आम नागरिकों के साथ शालीनता और सम्मान से व्यवहार करें, ताकि जनता का भरोसा पुलिस पर और बढ़े।
तदाशा मिश्रा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई
JHARKHAND DGP: पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता के ऐच्छिक सेवानिवृत्ति आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद तदाशा मिश्रा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और जुलाई 2024 से प्रभारी डीजीपी के रूप में कार्यरत थे। विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें चुनाव आयोग के आदेश पर हटाया गया था, लेकिन नवंबर 2024 में दोबारा बहाल किया गया था।
फरवरी 2025 में राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति की नई नियमावली लागू की थी, जिसके तहत गुप्ता को दो साल के लिए नियमित डीजीपी बनाया गया था, लेकिन इस पर केंद्र और यूपीएससी ने आपत्ति जताई थी। सितंबर में उनसे एसीबी डीजी का प्रभार हटाए जाने के बाद उनके हटने की अटकलें तेज हो गई थीं।तदाशा मिश्रा की नियुक्ति के साथ झारखंड पुलिस को पहली बार महिला नेतृत्व मिला है, जिससे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था में एक नई ऊर्जा और दृष्टिकोण आने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह भी पढ़ें…RAHUL GANDHI: ‘इंडियन स्टेट’ बयान मामले में राहुल गांधी को राहत, क्या था मामला ? जानिए







