Karawal Nagar: यदि कोई आपसे कोई पूछे कि एक क्षेत्र में विकास करने के लिए वहां के विधायक को सबसे पहले क्या काम करने चाहिए तो आपका जवाब होगा अच्छी शिक्षा, अच्छी सड़क, पीने के लिए साफ पानी और बच्चों के लिए स्कूल लेकिन दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके के करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में इसके उलट ही सब कुछ देखने को मिल रहा है। यहां विकास की बजाय अव्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर साफ दिखी जा रही है। जहां जनता बेहतर शिक्षा, साफ पानी, सड़कों और बच्चों के लिए स्कूल की उम्मीद कर रही थी, वहीं यहां हकीकत इससे बिलकुल उलट नजर आ रही है। करावल नगर चौक से थोड़ा आगे बढ़ते ही सदरपुर इलाके में एक नहीं बल्कि दो-दो शराब के ठेके आमने-सामने खुले हुए हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीना मुश्किल हो गया है।
क्षेत्र में भारी जाम से जनता परेशान
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन ठेकों के कारण शाम के समय क्षेत्र में भारी जाम लग जाता है। लोग बताते हैं कि रोज़ाना सड़क पर शराब पीने वालों की भीड़ जमा हो जाती है, जिससे महिलाओं और बच्चों को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन या स्थानीय विधायक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एक निवासी ने बताया किहमने कई बार अधिकारियों और विधायक को इस समस्या की जानकारी दी, लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। विकास तो दूर, अब तो यहां रहना भी मुश्किल हो गया है। लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बाद विधायक मौके पर जायजा लेने तो आते है लेकिन कार्रवाई नहीं करते। बस कार्रवाई करने का भरोसा देकर चले जाते है।
Karawal Nagar: कभी शराब नीति का विरोध करते थे कपिल
गौरतलब है कि दिल्ली की राजनीति में चर्चा का विषय यह भी है कि करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा, जो कभी केजरीवार सरकार की शराब नीति का कड़ा विरोध करते थे, आज अपने ही क्षेत्र में बढ़ते शराब के ठेकों पर चुप्पी साधे हुए हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जो नेता कभी शराब नीति को जनता के खिलाफ बताते थे, आज वही अपने क्षेत्र की इस गंभीर समस्या को नज़रअंदाज़ क्यों कर रहे हैं।
क्षेत्र के लोगों की मांग है कि इन ठेकों को यहां से हटाया जाए या इन्हें रिहायशी इलाकों से दूर स्थानांतरित किया जाए। साथ ही, वे यह भी चाहते हैं कि क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए ताकि करावल नगर वास्तव में एक विकसित क्षेत्र बन सके। वहीं अब देखना यह होगा कि खबर सामने आने के बाद विधायक कपिल मिश्रा इस मुद्दे पर कब जागते हैं और जनता की परेशानियों को दूर करने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
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