Karnataka Politics: कर्नाटक राजनीति में एक बार फिर सत्ता का समीकरण गर्माता दिख रहा है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सियासी टसल थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों खेमों की ओर से लगातार शक्ति प्रदर्शन जारी है, जबकि दोनों नेता सार्वजनिक रूप से यही कह रहे हैं कि वे हाईकमान के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं। इसके बावजूद कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान अब खुले तौर पर सामने आ चुकी है।
OBC चेहरा होने से सिद्धारमैया की पकड़ मजबूत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान हालात में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कुर्सी पर तुरंत कोई खतरा नहीं दिख रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सिद्धारमैया कर्नाटक में OBC समुदाय का बड़ा चेहरा हैं और उन्हें AHINDA वोट बैंक के साथ-साथ पार्टी के 100 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन प्राप्त बताया जा रहा है। कांग्रेस के पास सदन में कुल 137 विधायक हैं, ऐसे में सिद्धारमैया की सहमति के बिना नेतृत्व परिवर्तन लगभग असंभव माना जा रहा है।
Karnataka Politics: संगठनों की दो टूक चेतावनियाँ
कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग समुदाय महासंघ (KSFBCC) ने कांग्रेस को सख्त चेतावनी दी है कि यदि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद से हटाने की कोशिश की गई तो इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं वोक्कालिगा समुदाय भी डीके शिवकुमार के पक्ष में खुलकर सामने आ गया है। कर्नाटक राज्य वोक्कालिगारा संघ ने भी साफ कहा है कि अगर डीके शिवकुमार के साथ अन्याय हुआ तो वह इसका पुरजोर विरोध करेगा।
जी परमेश्वर का नाम भी चर्चा में
सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि सिद्धारमैया पर अगर हाईकमान सीएम बदलने का दबाव बढ़ाता है, तो वे अपने विकल्पों की एक सूची सामने रखते हुए जी परमेश्वर को सामने कर सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि किसी भी स्थिति में डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया को अपने ऊपर मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। इससे पार्टी में आंतरिक गतिरोध और बढ़ सकता है।
Karnataka Politics: DK के समर्थन में मांग तेज
वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली आदिचुंचनगिरी मठ के प्रमुख निर्मलानंद नाथ स्वामी ने खुलकर डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग करते हुए कांग्रेस नेतृत्व को जल्द निर्णय लेने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि वे टीवी पर लगातार घटनाक्रम देख रहे हैं और अब पार्टी को निर्णायक कदम उठाना चाहिए। कुल मिलाकर, कर्नाटक में राजनीतिक स्थिति बेहद पेचीदा होती जा रही है और आने वाले दिनों में यह घमासान और तेज होने की पूरी संभावना है।







