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Khanderao Temple Agni Mela: 400 साल पुरानी परंपरा! खंडेराव मंदिर के अग्नि मेले का चमत्कार

khanderao Temple Agni Mela: सागर जिले का चमत्कारी धार्मिक उत्सव

Khanderao Temple Agni Mela: बुंदेलखंड में खजुराहो, भोजपुरी, ओरछा, दतिया इत्यादि जैसी कई अद्भुत एवं प्रसिद्ध मंदिर मौजूद है। इन्हीं के साथ यहां कुछ ऐसे मंदिर भी है जो प्राचीन है लेकिन लोगों को इनकी दूसरे मंदिरों की तुलना में अधिक जानकारी नहीं है। ऐसे मंदिर जिनका इतिहास अथवा कई वर्षों से चली आ रही यहां की परंपरा अपने आप में ही अनोखी और चमत्कारी है। आज हम सागर जिले से 65 किलोमीटर दूर देवरी नगर में स्थित श्रीदेव खंडेराव मंदिर के बारे में बात करने वाले हैं।

khanderao Temple Agni Mela: सागर जिले का चमत्कारी धार्मिक उत्सव.  Souce: Social Media
सागर जिले का चमत्कारी धार्मिक उत्सव. Souce: Social Media

क्या है इस 400 साल पुरानी परंपरा का रहस्य?

Khanderao Temple Agni Mela: इस नगरी को देवों की नगरी भी कहते हैं। हर वर्ष अगहन मास में यह 9 दिनों के लिए अग्निकुंड मिला भी लगता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति यहां के दहलते अंगारों पर चलता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मेला अगहन सुदी चंपा षष्ठी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तिथि तक भराया जाता है। इस मिली में भक्त अंगारों से भरे हुए अग्नि कुंड से निकलते हैं। बता दें, देवरी के तिलक वार्ड में प्राचीन देवश्री खंडेराव मंदिर 16वीं शताब्दी से मौजूद है और अग्निकुंड के अंगारों पर चलने की यह परंपरा 400 साल से चल रही है।

 सागर जिले का चमत्कारी धार्मिक उत्सव.  Souce: Social Media
सागर जिले का चमत्कारी धार्मिक उत्सव. Souce: Social Media

Khanderao Temple: जहां होता है श्रद्धा और आग का संगम

Khanderao Temple Agni Mela: इस मेले को राजा रसाल जाजोरी द्वारा शुरू किया गया था। साथ ही यहां स्थित मंदिर भी राजा द्वारा ही बनवाया गया है। लोक मान्यताओं के अनुसार एक बार राजा के पुत्र की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्होंने देव श्री खंडेराव से अपने पुत्र के लिए मनोकामना मांगी थी। जिसके बाद देव ने उनके स्वप्न में आकर उन्हें दर्शन दिए और मंदिर में अग्नि कुंडसे नंगे पैर निकालने के लिए कहा, जिससे राजा रसाल के पुत्र का स्वास्थ्य ठीक हो गया। उसी समय से यह परंपरा चली आ रही है।

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