Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर देने वाला एक मामला सामने आया है। दरअसल, भावनपुर थाना क्षेत्र में एक युवक को कथित तौर पर बर्बरता से पीटने और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप है, जिसके चलते पीड़ित ने आत्महत्या का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन टाडा ने तत्काल कड़ा कदम उठाते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
पहले पढ़े क्या है मामला ?
Meerut News: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुबारिकपुर स्याल गांव निवासी पुष्पेंद्र नागर जो टीपी नगर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट का कारोबार करते हैं। सोमवार रात कार से अपने घर लौट रहे थे, इसी दौरान बाइक सवार अज्ञात बदमाशों ने रास्ते में उन्हें घेरकर करीब 20 हजार रुपये लूट लिए। पीड़ित ने तत्काल भावनपुर थाने में इसकी शिकायत की, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने न सिर्फ मामले में कोई ठोस कार्रवाई की, बल्कि पुष्पेंद्र को ही हिरासत में लेकर पूछताछ के नाम पर अमानवीय व्यवहार किया। परिजनों के अनुसार, पुलिस ने पुष्पेंद्र की पिटाई की, उनके दो मोबाइल फोन और कार भी अपने कब्जे में ले ली। अगले दिन जब वह थाने से रिहा हुए, तो मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुके पुष्पेंद्र ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। परिजन उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। उधर, जैसे ही मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, एसएसपी विपिन टाडा ने त्वरित जांच के आदेश दे दिए।
मामले में प्रारंभिक जांच में पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने पर उन्होंने थानाध्यक्ष भावनपुर को तत्काल निलंबित कर संबंधित दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। मामले को लेकर एसएसपी ने कहा कि मेरठ पुलिस में किसी भी प्रकार का उत्पीड़न या अधिकारों का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जवाबदेही तय करना जरूरी है। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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