MP News: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हवाला राशि की कथित हेराफेरी और जब्ती के मामले में मोहन यादव सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने और निलंबन के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद SDOP पूजा पांडे और थाना प्रभारी अर्पित भैरम समेत 11 पुलिसकर्मियों पर डकैती, अपहरण, अवैध हिरासत और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। इनमें से अब तक पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ये था मामला
MP News: जानकारी के अनुसार, सिवनी जिले में पुलिस द्वारा एक निजी वाहन से नकदी बरामद की गई थी, जिसे हवाला से जुड़ा बताया जा रहा है। बताया गया कि पुलिस ने वाहन से करीब तीन करोड़ रुपये नकद ज़ब्त किए, लेकिन आधिकारिक दस्तावेज़ों में केवल 1.45 करोड़ रुपये की बरामदगी दर्शाई गई। शिकायतकर्ता नागपुर के सर्राफा व्यापारी सोहन परमार का आरोप है कि पुलिस ने जांच के नाम पर उनसे पूरी रकम जब्त कर ली, लेकिन उसे न तो विधिवत जब्त किया गया और न ही कोई कानूनी कार्रवाई की गई। मामले के उजागर होने के बाद यह प्रकरण प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 9 अक्टूबर को पुलिस को इनपुट मिला कि एक वाहन में अवैध नकदी ले जाई जा रही है। इसके बाद शीलादेवी गांव के पास एमएच13 ईके 3430 नंबर की एक क्रेटा कार को रोका गया। वाहन से 1.45 करोड़ रुपये की नकदी ज़ब्त की गई, जबकि उसमें सवार कुछ लोग मौके से फरार हो गए। पुलिस ने जब्त रकम को सट्टा-जुए की राशि बताते हुए कोतवाली थाने के मालखाने में जमा किया, लेकिन इस कार्रवाई की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को समय पर नहीं दी गई।
पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
MP News: शिकायतकर्ता सोहन परमार, इरफान पठान और शेख मुख्तार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उन्हें थाने में रातभर रखा गया और बिना कार्रवाई के सुबह छोड़ दिया गया। अगले दिन SDOP पूजा पांडे द्वारा उन्हें 1.51 करोड़ रुपये लौटाकर मामला समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया। हालांकि, रकम की गिनती करने पर 25 लाख रुपये कम पाए गए, जिसके बाद व्यापारियों ने 2.96 करोड़ रुपये की पूरी रकम के हड़पने की एफआईआर दर्ज कराई।
सिवनी प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। कानून का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर होने जा रही कार्रवाई मिसाल बनेगी।
अपराध मुक्त मध्यप्रदेश और नागरिकों की सुरक्षा हमारा संकल्प है। pic.twitter.com/urL7XCl9ze
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 14, 2025
आरोप है कि यह पूरी कार्रवाई सिवनी पुलिस ने उच्चाधिकारियों को बिना सूचित किए अंजाम दी। जब SP सुनील कुमार मेहता और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को देर शाम तक कोई रिपोर्ट नहीं मिली, तो मीडिया में मामला सामने आने लगा। इसके बाद ASP दीपक मिश्रा ने जांच शुरू की और रिपोर्ट जबलपुर रेंज के आईजी प्रमोद वर्मा को भेजी। आईजी ने उसी रात थाना प्रभारी अर्पित भैरम समेत 9 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया। अगले दिन डीजीपी कैलाश मकवाना के निर्देश पर SDOP पूजा पांडे को भी सस्पेंड कर दिया गया।
इन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
- पूजा पांडे – SDOP
- अर्पित भैरम – थाना प्रभारी, बंडोल
- माखन – प्रधान आरक्षक
- रविंद्र उईके – रीडर, SDOP कार्यालय
- जगदीश यादव – आरक्षक
- योगेंद्र चौरसिया – आरक्षक
- रितेश – चालक
- नीरज राजपूत – थाना बंडोल
- केदार – गनमैन
- सदाफल – गनमैन
- राजेश जंघेला – प्रधान आरक्षक
इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव का साफ कहना है कि कानून तोड़ने वाले चाहे किसी भी पद पर हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। गृह विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही या संलिप्तता पाए जाने पर और भी सख्त कार्रवाई की जाए।