OPERATION SINDOOR: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि भारतीय सेना भविष्य की जरूरतों और चुनौतियों को देखते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स, क्वांटम तकनीक और ड्रोन सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से खुद को लैस करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर 1.0 से सीखे गए सबक ने सेना को और सशक्त बनाया है और आने वाले सिंदूर 2.0 या किसी भी युद्ध में इन तकनीकों का अधिक उन्नत रूप में उपयोग किया जाएगा।
तकनीक का विकेंद्रीकरण जरूरी
OPERATION SINDOOR: जनरल द्विवेदी ने कहा कि देश के भौगोलिक हालात और अलग-अलग युद्ध क्षेत्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी विकेंद्रीकरण पर बल दिया जा रहा है। सेना बड़ी संख्या में ड्रोन, 6जी नेटवर्क, स्पेस मिशन और क्वांटम मिशन पर काम कर रही है ताकि हर परिस्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
सिंदूर 2.0 होगा और उन्नत
OPERATION SINDOOR: सेना प्रमुख ने बताया कि सिंदूर 1.0 के दौरान संभव ऐप का इस्तेमाल किया गया था, जिससे ओपन सोर्स और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स के जरिए अहम जानकारियां जुटाई गईं। उन्होंने कहा कि अब हम सिंदूर 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं, जो कहीं अधिक उन्नत और तकनीकी रूप से सक्षम संस्करण होगा।
यह संघर्ष और प्रतिस्पर्धा का युग है
OPERATION SINDOOR: सेना प्रमुख ने कहा कि आज दुनिया एकध्रुवीय व्यवस्था से बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर बढ़ रही है और भारत इसमें एक प्रमुख शक्ति केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह संघर्ष और प्रतिस्पर्धा का युग है, जहां लंबी दूरी के युद्ध क्षेत्र सिकुड़ रहे हैं और हाइब्रिड संघर्ष बढ़ रहे हैं।
टेक्नोलॉजी मनुष्य की मदद के लिए
OPERATION SINDOOR: जनरल द्विवेदी ने कहा कि अब दुनिया इंडस्ट्री 4.0 से आगे बढ़कर इंडस्ट्री 5.0 की ओर जा रही है, जिसमें मानवीय पहलू को बनाए रखना आवश्यक है। तकनीक का उद्देश्य मनुष्य की जगह लेना नहीं, बल्कि उसकी क्षमता को बढ़ाना है उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि सेना 7 नैनोमीटर चिप तकनीक, मानव-केंद्रित सिस्टम और सातवीं पीढ़ी की युद्ध तकनीकों पर काम कर रही है ताकि आने वाले समय में भारत हर मोर्चे पर तैयार रहे।
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