Pakistan: पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू समुदाय के खिलाफ विवादास्पद बयान देकर दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान मुनीर ने ‘द्विराष्ट्र सिद्धांत’ का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमान और हिंदू जीवन के हर पहलू में अलग हैं। मुनीर ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा धर्म, हमारी परंपराएं, हमारी सोच और हमारे उद्देश्य – सब कुछ हिंदुओं से अलग हैं। यही वह आधार था जिस पर द्विराष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई थी। हम दो राष्ट्र हैं, एक नहीं।”
सेना प्रमुख ने पाकिस्तानी नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं ताकि उनकी मातृभूमि के प्रति निष्ठा बनी रहे। मुनीर ने कहा, “हमारे पूर्वजों ने इस देश के निर्माण के लिए अपार बलिदान दिए हैं, और हम जानते हैं कि इसे कैसे बचाया जाए।” कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए मुनीर ने कहा, “कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे नहीं भूलेंगे और अपने कश्मीरी भाइयों की बहादुर संघर्ष में उनका साथ देंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत की 13 लाख की सेना भी पाकिस्तान को डरा नहीं सकती, तो कुछ आतंकवादी कैसे पाकिस्तान का भाग्य तय कर सकते हैं।
बलूचिस्तान में आतंकवाद पर सख्त रुख
Pakistan: मुनीर ने बलूचिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकल्प लिया। उन्होंने कहा, “बलूचिस्तान पाकिस्तान का गौरव है, और इसे कोई भी हमसे नहीं छीन सकता। हम इन आतंकवादियों को जल्द ही पराजित करेंगे।” हालांकि सेना प्रमुख के भारत विरोधी बयान के बाद अभी कर भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। आशंका है कि जल्द ही भारत की तरफ से प्रतिक्रिया आ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुनीर के ये बयान पाकिस्तान की आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए दिए गए हैं। देश में आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आतंकवाद जैसी समस्याओं के बीच सेना प्रमुख का यह बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
विदेश मंत्री ने पीओके वापस देने की कही थी बात
बता दें कि पाक सेना प्रमुख का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। मुनीर के इस बयान से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बाकी है। हालंकि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे का पूर्ण समाधान तभी संभव है जब पीओके, जिसे उन्होंने ‘चुराया गया हिस्सा’ कहा, भारत को वापस लौटाया जाए। विदेश मंत्री ने आगे कहा था “कश्मीर में हमने अधिकांश मुद्दों का समाधान कर लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर, कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय की बहाली दूसरा कदम था। तीसरा कदम था उच्च मतदान के साथ चुनाव कराना। मुझे लगता है कि अब हम उस ‘चुराए गए कश्मीर’ के हिस्से की वापसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में है; जब वह वापस आ जाएगा, तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि कश्मीर मुद्दा हल हो जाएगा।”
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