PM MODI: कर्नाटक के उडुपी में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा पर देश के मजबूत रुख को रेखांकित करते हुए कहा कि “नया भारत किसी के सामने नहीं झुकता और अपने नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटता।” उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन नागरिकों की जान गई, उनमें कनारा समुदाय के लोग भी थे। मोदी ने कहा कि पहले ऐसी घटनाओं पर सेनाओं के हाथ बांध दिए जाते थे, लेकिन अब भारत अपनी सुरक्षा नीति स्पष्ट कर चुका है “हम शांति भी बनाना जानते हैं और उसकी रक्षा भी करना जानते हैं।”
गीता का संदेश: अन्याय का अंत ही सच्ची शांति का मार्ग
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भगवद्गीता के संदेश को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए कहा कि “सच्ची शांति कभी-कभी अन्याय के अंत से ही संभव होती है।” उन्होंने कहा कि युद्धभूमि में श्री कृष्ण द्वारा दिया गया यह संदेश आज भारत की सुरक्षा नीति के मूल सिद्धांतों में झलकता है। मोदी ने कहा कि भारत “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना रखता है, लेकिन साथ ही “धर्मो रक्षति रक्षितः” का पालन भी करता है यानी न्याय की रक्षा करना ही स्थिरता और सुरक्षा का मार्ग है।
PM MODI: कानून और नीति दोनों में प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने कहा कि श्री कृष्ण के उपदेश समाज में न्याय और सम्मान के सिद्धांतों को मजबूत करते हैं। इन्हीं मूल्यों से प्रेरित होकर देश ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसा ऐतिहासिक कदम उठाया, जिसके तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत नारी सुरक्षा और नारी सशक्तीकरण के लिए नीति स्तर पर बड़े बदलाव कर रहा है, और इसका मार्गदर्शन भारतीय संस्कृति और गीता के मूल्यों से मिलता है।
गरीबों और वंचितों की सहायता करना गीता की प्रेरणा—पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों और वंचितों की सहायता करना गीता के संदेश का हिस्सा है और इसी सोच से आयुष्मान भारत, पीएम आवास योजना, और “सबका साथ-सबका विकास” जैसी नीतियाँ तैयार हुईं। उन्होंने कहा कि सरकार की विकास यात्रा केवल आर्थिक प्रगति पर आधारित नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी नीतियों पर टिकी है ठीक वैसे ही जैसा श्री कृष्ण ने उपदेश दिया था।
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