DELHI AIR POLLUTION NEWS: राजधानी दिल्ली की जहरीली हवा के खिलाफ लोगों का गुस्सा इंडिया गेट पर फूट पड़ा। महिलाएं, बच्चे और पर्यावरण कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, तो पुलिस ने कई को हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है, अब वक्त आ गया है कि सांस लेने का हक मांगा नहीं, छीनना पड़ेगा।
इंडिया गेट पर उठी ‘स्वच्छ हवा’ की मांग
रविवार को बड़ी संख्या में अभिभावक, महिलाएं, बच्चे और पर्यावरण कार्यकर्ता इंडिया गेट पर जमा हुए। सभी की एक ही मांग थी, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ सरकार तुरंत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि राजधानी की हवा अब सिर्फ धुंधली नहीं, जानलेवा हो चुकी है। “हर तीसरे बच्चे के फेफड़े खराब” कार्यकर्ताओं का दावा। पर्यावरणविद् भावरीन खंडारी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया।
उन्होंने कहा, “हर तीसरे बच्चे के फेफड़े को नुकसान पहुंच चुका है। ऐसे बच्चे स्वच्छ हवा में पलने वालों से लगभग 10 साल कम जी पाएंगे।”
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
सांस लेने का हक भी छीन लिया गया
एक अन्य प्रदर्शनकारी अभिषेक ने कहा कि अब दिल्लीवाले स्वच्छ हवा में सांस लेने के बुनियादी अधिकार से भी वंचित हैं। उन्होंने कहा, “शीला दीक्षित के दौर में दिल्ली हरित राजधानी कहलाती थी। आज यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। नेता सिर्फ एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं, जिम्मेदारी कोई नहीं लेता।”
बिना अनुमति के प्रदर्शन, पुलिस ने किया एक्शन
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने बताया कि कुछ लोगों को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे। पुलिस ने कहा कि दिल्ली में सिर्फ जंतर-मंतर को ही अधिकृत विरोध स्थल घोषित किया गया है।
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