RAM MANDIR: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम भारतीय समाज को भेद से नहीं, भाव से जोड़ते हैं। उनके अनुसार, राम के लिए न कुल महत्वपूर्ण है, न वंश उनके लिए भक्ति, मूल्य और सहयोग सर्वोपरि हैं। मौर्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि आज का नव्य-दिव्य राम मंदिर परिसर केवल पूजा का स्थान नहीं, बल्कि भारत के समन्वय, सद्भाव और सामूहिक शक्ति का जीवंत प्रतीक बन रहा है।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बना राम मंदिर
मौर्य ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए यह परिसर केवल आध्यात्मिक अनुभव नहीं, बल्कि “चेतना-स्थली” बनकर राष्ट्र को नई दिशा देगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में स्थापित सप्त मंदिर भारतीय दर्शन और आस्था की विविध धाराओं का अद्वितीय संगम है।
RAM MANDIR: लोक-परंपरा और मित्रता के प्रतीक
उपमुख्यमंत्री ने विशेष रूप से माता शबरी के मंदिर का उल्लेख किया, जो जनजातीय समाज के प्रेम, करुणा और अतिथि-सत्कार की परंपरा को सशक्त रूप से प्रस्तुत करता है। इसी प्रकार निषादराज का मंदिर सदियों पुरानी उस मित्रता का प्रतीक है, जहाँ साधन से अधिक साध्य और भावना को महत्व मिला।
RAM MANDIR: भारतीय ऋषि-परंपरा का अद्वितीय संगम
मौर्य ने कहा कि माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य और संत तुलसीदास इन सभी की उपस्थिति ज्ञान, तप, साहित्य और भक्ति की अखंड परंपरा को एक ही स्थान पर जीवंत करती है।रामलला के दर्शन के साथ इन महापुरुषों का सान्निध्य श्रद्धालुओं के लिए एक इतिहास-निर्माण जैसा अनुभव है। परिसर में स्थापित जटायू और गिलहरी की मूर्तियाँ यह संदेश देती हैं कि बड़े संकल्प छोटे योगदानों से ही पूरे होते हैं। यह भाव समाज में समान भागीदारी और सामूहिक शक्ति की भावना को मजबूत करता है।
सभी वर्गों को जोड़कर विकसित भारत का संकल्प
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, किसानों, श्रमिकों और युवाओं हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में आगे रखा है। उन्होंने कहा कि “विकसित भारत 2047” का लक्ष्य तभी सार्थक होगा, जब हर व्यक्ति और हर क्षेत्र सशक्त होगा।
धर्मध्वज: संघर्ष से सृजन का प्रतीक
मौर्य ने बताया कि राम मंदिर में स्थापित धर्मध्वज भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है।
भगवा रंग: त्याग और तप का प्रतीक
सूर्यवंश चिह्न व ‘ॐ’: आध्यात्मिक शक्ति का संदेश
कोविदार वृक्ष: रामराज्य की स्थायी समृद्धि का रूप
उन्होंने कहा कि यह ध्वज कर्तव्य, सत्य और सामाजिक सद्भाव का प्रेरक बनेगा और इस भावना को मजबूत करेगा कि “न बैर हो, न भय सभी के लिए शांति और सुख।”
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