NEW DELHI NEWS: शिक्षा व्यवस्था में बड़ी लापरवाही सामने आई है लंबे समय से दो स्कूलों में प्रिंसिपल के बिना स्कूल चल रहे थे, जिसको लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को तुरंत प्रिंसिपलों की नियुक्ति के आदेश दिए हैं .

चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने सुनवाई करते हुए कई मुद्दों पर बात की उन्होंने दिल्ली सरकार और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि दोनों स्कूलों में तत्काल प्रिंसिपल नियुक्त किए जाएं और सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में ऐसे महत्वपूर्ण पद लंबे समय तक खाली ना रहें, पद खाली रहने से छात्रों की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ता है तथा सरकार की शिक्षा के प्रति गैर जिम्मेदारी भी सामने आती है।
किसने कराई याचिका दायर
NEW DELHI NEWS: हमारा प्रयास सामाजिक उत्थान नामक गैर सरकारी संगठन की ओर से वकील अशोक अग्रवाल के माध्यम से याचिका दायर की गई थी, याचिका में बताया गया था कि प्रेम नगर किराड़ी स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय और सर्वोदय कन्या विद्यालय की स्कूल इमारत का निर्माण वर्ष 2009 में शुरू हुआ और 2019 में भवन तैयार हो गया लेकिन पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध न होने के कारण स्कूल को चालू नहीं किया जा सका।
याचिका के अनुसार स्थिति यह रही कि 2025 तक के स्कूल बंद पड़े रहे इस पर हाई कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताई अदालत के निर्देश और सख्त रूप के बाद ही 1 जुलाई 2025 से इन स्कूलों को शुरू किया गया और छात्रों का नामांकन कराया गया।
शिक्षकों की कमी से मामला फिर हाईकोर्ट में
NEW DELHI NEWS : शिक्षकों की कमी के चलते अभिभावकों ने मामला फिर से हाईकोर्ट में उठाया इसके बाद अतिरिक्त शिक्षक तैनात किए गए। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि दोनों स्कूलों में आज भी प्रिंसिपल के पद खाली हैं तो अदालत ने कहा कि स्कूल का प्रशासनिक और शैक्षणिक नेतृत्व बिना प्रिंसिपल के अपूर्ण रहता है और ऐसे में शिक्षकों की नियुक्ति भी पूरी तरह प्रभावित नहीं हो पाती। अदालत में कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल छात्रों की बुनियादी शिक्षा का केंद्र होते हैं और वहां नेतृत्व पद खाली रहने से प्रशासनिक और शैक्षणिक कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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