SIR In Bengal: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के बीच बांग्लादेशी नागरिकों से राज्य छोड़ने की चर्चाओं के बीच एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बंगाल को बांग्लादेश नहीं बनने दिया जाएगा, बल्कि इस राज्य से ‘जंगलराज’ को खत्म किया जाएगा। पटना में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बंगाल में एसआईआर होगा। बंगाल में ‘जंगल राज’ को खत्म किया जाएगा। बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को बंगाल से निकाल दिया जाएगा। ममता बनर्जी उन्हें नहीं बचा पाएंगी। हम बंगाल को बांग्लादेश नहीं बनने देंगे।
गिरिराज ने किया लालू यादव पर कटाक्ष
इस दौरान उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर भी कटाक्ष किया। गिरिराज सिंह ने कहा कि अगर लालू यादव अपने परिवार के सदस्यों, अपनी बेटी और बहू का भी सम्मान नहीं कर सकते, तो राज्य के लोग उनका सम्मान कैसे करेंगे? इसी कारण उनकी पार्टी का सूपड़ा-साफ हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे वह राहुल गांधी हों या तेजस्वी यादव, उन्हें यह समझना चाहिए। जिस तरह से लालू की बेटी और बहू ने मारपीट व बदसलूकी के आरोप लगाए, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे बिहार की जनता का भी अपमान हुआ है। वहीं, ममता बनर्जी के एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग को लिखे पत्र पर केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि जिस तरह से एसआईआर को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं, इसका मूल कारण यही है कि लोग बांग्लादेश भाग रहे हैं। ममता बनर्जी पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी हैं। उन्होंने बांग्लादेशियों को यहां जगह दी। इसीलिए वह उन्हें रोकने की कोशिश कर रही हैं।” भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि यह बिल्कुल साफ है कि एसआईआर से सबसे ज्यादा असर ममता बनर्जी पर पड़ेगा। ऐसा लगता है कि उन्होंने जो चुनाव जीते हैं, वे मरे हुए लोगों, घुसपैठियों और बाहर से आए लोगों के वोटों की वजह से जीते हैं। उन्होंने कभी भी सही चुनाव नहीं जीता है। इसीलिए वह इतनी परेशान हैं।
घुसपैठियों ने चौंकाने वाला सच बताया
वहीं हकीमपुर चेकपोस्ट पर पकड़े गए घुसपैठियों ने मीडिया के सामने हैरान कर देने वाला सच बताया। अधिकतर ने कहा कि वे दलाल को पैसे देकर बंगाल में घुसे थे और सत्तारूढ़ टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उन्हें भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की। जबकि हकीमपुर सीमा पर हिरासत में लिए गए म्यांमार निवासी एक रोहिंग्या ने बताया कि अब मैं बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में वापस जाना चाहता हूं। वहां से म्यांमार लौट जाऊंगा। 5-6 साल पहले वह बांग्लादेश के रास्ते इसी सीमा के जरिए भारत में आया था। वह हैदराबाद में चला गया और पिछले कई सालों से वहां दिहाड़ी मजदूरी करता था।







