देश में बढ़ते आवारा कुत्तों और पशुओं के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश अब पूरे देश में लागू होगा, यानी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाना होगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों को अब वापस उसी जगह नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकारें इस आदेश को हल्के में न लें। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तीन हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा जमा करना होगा, जिसमें बताया जाए कि क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने साफ किया कि अगर रिपोर्ट में लापरवाही पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2026 को तय की गई है।
लगानी होगी मजबूत बाड़
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हर राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश दो हफ्तों के भीतर उन सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों व अस्पतालों की पहचान करे, जहां अक्सर आवारा कुत्ते या पशु घुस जाते हैं। इन जगहों पर प्रवेश रोकने के लिए कैंपस की चारों ओर मजबूत बाड़ लगानी होगी।
इसके अलावा, हर संस्था के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो इस पूरे सिस्टम की निगरानी करेगा। नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत को हर तीन महीने में एक बार इन जगहों का निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि सुरक्षा बनी रहे।
बनेगी नई नीति
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी कैंपस में कुत्तों को खाना खिलाने के लिए स्पष्ट नियम बनाए जाएं। पिछले महीने 3 नवंबर को कोर्ट ने इस पर चिंता जताई थी और कहा था कि बिना नियंत्रण के कुत्तों को खाना खिलाना खतरनाक हो सकता है। कोर्ट ने उस वक्त यह भी कहा था कि राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से फिलहाल राहत दी जाती है, लेकिन अगर हलफनामे में गड़बड़ी मिली तो उन्हें बुलाया जाएगा।
ऐसे शुरू हुआ मामला
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई 2025 को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं संज्ञान लिया। रिपोर्ट में दिल्ली-एनसीआर में खासकर बच्चों पर आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज के बढ़ते मामलों का ज़िक्र किया गया था। इसके बाद, कोर्ट ने इस मामले को केवल दिल्ली तक सीमित न रखते हुए पूरे देश के लिए लागू कर दिया। कोर्ट ने एक और अहम निर्देश देते हुए कहा कि सभी नेशनल हाईवे पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएं, ताकि अगर कहीं आवारा पशु या कुत्ते घूमते दिखें, तो तुरंत सूचना दी जा सके।
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
कोर्ट ने दोहराया कि राजस्थान हाईकोर्ट ने पहले ही आदेश दिया था कि अगर कोई व्यक्ति या संस्था इस अभियान में बाधा डालता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अब वही नियम पूरे देश में लागू होगा।
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