28
Mar
दिल्ली-एनसीआर में स्कूलों की मनमानी फीस और कोर्स चार्जेज़ की लूट ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। सरकारें सत्ता के नशे में सो रही हैं, शिक्षा मंत्री आंखें बंद करके बैठे हैं और स्कूल मालिक दिनदहाड़े जनता की जेब काट रहे हैं। सवाल .ह कि क्या जनता ने नेताओं को इसलिए वोट दिया था कि वो अपनी ज़िम्मेदारियों से मुँह मोड़ लें और जनता को इन स्कूलों के रहमोकरम पर छोड़ दें? आज एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना किसी युद्ध से कम नहीं है। अगर माता-पिता स्कूल की फीस भरते हैं, तो घर…