TB FREE INDIA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि भारत की टीबी के खिलाफ लड़ाई अब उल्लेखनीय गति पकड़ चुकी है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2025 में बताया गया है कि भारत में 2015 से टीबी के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। यह वैश्विक गिरावट दर से लगभग दोगुनी है। यह दुनिया में कहीं भी देखी गई सबसे बड़ी गिरावटों में से एक है।
बड़ी उपलब्धि हासिल
TB FREE INDIA: भारत ने टीबी (क्षय रोग) के खिलाफ जंग में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 237 टीबी मामलों की दर 2024 में घटकर 187 प्रति लाख रह गई है, यानी 21 प्रतिशत की गिरावट, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी तेज है। यह सफलता भारत को टीबी मुक्त राष्ट्र बनने की दिशा में एक बड़ी छलांग दिला रही है।
वैश्विक औसत से बेहतर
TB FREE INDIA: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने न केवल टीबी के मामलों में गिरावट दर्ज की है बल्कि टीबी से मृत्यु दर में भी वैश्विक औसत से अधिक कमी हासिल की है। भारत में उपचार कवरेज 92 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो अन्य उच्च-भार वाले देशों और वैश्विक औसत से आगे है। 2024 में 26.18 लाख से अधिक टीबी रोगियों की पहचान की गई है। यह उपलब्धि भारत की नई केस-फाइंडिंग नीति और स्वास्थ्य सेवाओं तक व्यापक पहुंच के परिणामस्वरूप संभव हुई है।
टीबी मुक्त भारत
TB FREE INDIA: दिसंबर 2024 में शुरू हुए टीबी मुक्त भारत अभियान में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। इसमें एआई सक्षम रिपोर्टिंग वाले पोर्टेबल एक्स-रे उपकरण, विस्तारित एनएएटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, और जनभागीदारी आधारित पहचान अभियान शामिल हैं। इन्हीं प्रयासों से अब तक 24.5 लाख रोगियों का निदान किया गया है, जिनमें 8.61 लाख लक्षणहीन मरीज भी शामिल हैं।
मिला पोषण और सहयोग
TB REE INDIA: पिछले 9 वर्षों में टीबी कार्यक्रम का वार्षिक बजट दस गुना बढ़ा है। निक्षय पोषण योजना के तहत अप्रैल 2018 से अब तक 1.37 करोड़ लाभार्थियों को 4,406 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। इस योजना ने मरीजों को पोषण सहायता देकर उनके उपचार की सफलता दर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
भारत लक्ष्य की ओर अग्रसर
TB FREE INDIA: टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत उपचार सफलता दर 90 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो वैश्विक औसत 88 प्रतिशत से अधिक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस रफ्तार से भारत जल्द ही टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को साकार कर सकता है।
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