TRUMP TARRIF NEWS: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लेते हुए बीफ, कॉफी और कई ट्रॉपिकल फलों पर लगाए गए भारी आयात शुल्क वापस ले लिए। यह कदम ऐसे वक्त आया है जब उनकी सरकार पर बढ़ती महंगाई और उपभोक्ताओं पर बढ़ते बोझ को लेकर बड़ा दबाव था।
क्यों बदला ट्रंप का रुख?
ट्रंप का पूरा दूसरा कार्यकाल आयातित वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने की नीति पर केंद्रित रहा। दावा था कि इससे घरेलू उत्पादन को सहारा मिलेगा। लेकिन ऑफ-ईयर चुनावों में अर्थव्यवस्था को लेकर भारी असंतोष दिखा, वर्जीनिया, न्यू जर्सी और कई जगह डेमोक्रेट्स की बड़ी जीत हुई।
इसके बाद ट्रंप ने पहली बार माना कि कुछ टैरिफ वाकई अमेरिकी उपभोक्ताओं के खर्च को बढ़ा रहे थे।
TRUMP TARRIF NEWS: ट्रंप ने क्या कहा?
एयर फोर्स वन में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा: “हमने कॉफी जैसे कुछ फूड आइटम्स पर थोड़ा रिवर्स किया है, कुछ मामलों में इनसे कीमतें बढ़ सकती हैं।” हालांकि उनका ये भी दावा है कि ज्यादातर नुकसान अन्य देशों ने झेला है, न कि अमेरिका ने। मुद्रास्फीति लगातार ऊंची बनी हुई है, जिससे ट्रंप प्रशासन पर सवाल और बढ़ रहे हैं।
डेमोक्रेट्स का हमला: वादे टूट गए
डेमोक्रेट नेताओं ने ट्रंप के फैसले को उनकी नीतियों की विफलता का सीधा सबूत बताया। वर्जीनिया के सांसद डोन बेयर ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप आखिरकार मान रहे हैं कि उनके टैरिफ ही कीमतें बढ़ा रहे थे।” चुनावों में मिली हार को भी लोग इसी आर्थिक नाराजगी से जोड़ रहे हैं।
किराने का बिल बना बड़ी चिंता
बीफ की रिकॉर्ड हाई कीमतें अमेरिकी परिवारों की सबसे बड़ी परेशानी बनी हुई थीं। ब्राजील पर लगाया गया ट्रंप का टैरिफ इसमें प्रमुख कारण रहा। अब ट्रंप ने चाय, फल जूस, कोको, मसाले, केले, संतरे, टमाटर और उर्वरकों पर भी शुल्क हटा दिए हैं, कई ऐसे उत्पाद जिनका उत्पादन अमेरिका में होता ही नहीं।
TRUMP TARRIF NEWS: उद्योग जगत ने फैसले का स्वागत किया
अमेरिका के फूड इंडस्ट्री एसोसिएशन ने इसे “त्वरित राहत” बताते हुए स्वागत किया। उनका कहना है कि इससे पर्याप्त आपूर्ति और उपभोक्ताओं के लिए किफायती दाम सुनिश्चित होंगे। व्हाइट हाउस ने कहा कि कई देशों के साथ नए व्यापार समझौते होने के बाद ये शुल्क अब जरूरी नहीं थे।
नए व्यापार सौदे और ट्रंप का अगला प्लान
यह फैसला तभी आया जब अमेरिका ने इक्वाडोर, अर्जेंटीना, एल सल्वाडोर और ग्वाटेमाला के साथ नए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट किए। इससे अमेरिकी कंपनियां इन देशों में अपने उत्पाद अधिक आसानी से बेच सकेंगी। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह शुल्क से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल अमेरिकियों को 2,000 डॉलर के डायरेक्ट चेक देने में करेंगे। साथ ही राजस्व का उपयोग राष्ट्रीय कर्ज कम करने में भी किया जा सकता है। उनका दावा, “यह असली पैसा है, बनाया हुआ नहीं, और इससे हर अमेरिकी को फायदा होगा, अमीरों को छोड़कर।”
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