UP News: उत्तर प्रदेश पुलिस में आंतरिक अनुशासन को लेकर एक नया मामला सामने आया है। दरअसल, आगरा जिले के थाना एत्माद्दौला से जुड़े दो सिपाहियों द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक सिपाही को निलंबित, जबकि दूसरे को लाइन हाज़िर कर दिया है। साथ ही घटना की जांच के आदेश एसीपी छत्ता, पियूष कांत राय को सौंप दी। जिन्हें डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने निर्देश दिए कि मामले की विस्तृत छानबीन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
UP News: इस पूरे मामले की शुरुआत 3 अक्टूबर को उस समय हुई जब सिपाही अंकित राठौर की एक पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो गई। पोस्ट में उन्होंने थाना प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र दुबे पर ड्यूटी के बाद भी जबरन कार्य करवाने और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। अंकित राठौर, जो रामबाग चौकी में ड्राइवर के तौर पर कार्यरत थे, ने पोस्ट में लिखा कि मना करने पर उन्हें बेवकूफ, नालायक और कामचोर जैसे शब्द कहे गए। उनके आरोपों ने तब और तूल पकड़ा जब अगले दिन एक और पत्र सामने आया, जिसमें सिपाही कुलभूषण ने भी उत्पीड़न और पैसे मांगने का आरोप लगाया।
सिपाही कुलभूषण एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमसे लगातार पैसे की मांग की जा रही है। कहां से लाएं? 21 सितंबर से बदतमीजी हो रही है। यह भी आरोप लगाया गया कि SHO द्वारा कथित रूप से पैसों की मांग की गई थी, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे।
वहीं दूसरी तरफ मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने कहा कि दोनों सिपाहियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में कोई सूचना नहीं दी। यदि किसी कर्मी को परेशानी थी, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया के तहत उच्चाधिकारियों को सूचित करना चाहिए था। सोशल मीडिया पर विभागीय विषयों को सार्वजनिक करना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। जबिक इस पूरा मामले में थाना प्रभारी की ओर से कहा गया कि जिन सिपाहियों ने आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ भी कई अनुशासनात्मक मुद्दे पहले से मौजूद हैं। सिपाही अंकित राठौर ने एक बार वीआईपी ड्यूटी करने से इनकार कर दिया था, जबकि सिपाही कुलभूषण बार-बार बिना सूचना के अनुपस्थित रहते थे और डाक मुंशी का काम ठीक से नहीं निभा रहे थे। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच करने में जुटी है।