UP Politics: उत्तर प्रदेश में भले ही 2027 में विधानसभा चुनाव होने हो लेकिन राजनीतिक दल अभी से ही अपनी-अपनी सियासी पिच को मजबूत करने में जुट गए है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आए दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार पर तंज करते नजर आते है। इसी क्रम में एक बार फिर आज धनतेरस के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को अखिलेश यादन ने राजनीतिक बयानबाजी और हास्य-व्यंग्य का अनोखा मेल बना दिया। दरअसल, सपा मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान कई नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ली, वहीं अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार किए।
अखिलेश यादव ने ली चुटकी
UP Politics: कार्यक्रम की शुरुआत में अखिलेश यादव ने त्योहार की बधाई देते हुए कहा कि इस बार धनतेरस और दिवाली पर हमें भी खूब तोहफे मिले हैं। अब सोच रहे हैं कि इन्हें रखें कहां। इस दौरान एक नेता द्वारा उन्हें प्रतीकात्मक मुकुट पहनाया गया। इस पर यादव ने मुस्कुराते हुए चुटकी ली कि ये जो मुकुट हमें पहनाए जाते हैं, इनमें सोना नहीं होता। हम कई बार गला चुके हैं। उनके इस मज़ाकिया अंदाज़ पर हॉल में ठहाके गूंज उठे।
आदरणीय श्री अखिलेश यादव जी के नेतृत्व और समाजवादी पार्टी के बढ़ते जनाधार तथा PDA के विचार से प्रभावित होकर आज हजारों जनता के नुमाइंदों और समर्थकों लोगों ने समाजवादी पार्टी को ज्वाइन किया और श्री अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करने तथा समाजवादी पार्टी की सरकार लाने का संकल्प… pic.twitter.com/7f7mGhXFlC
— Samajwadi Party Media Cell (@mediacellsp) October 18, 2025
नए चेहरों का अखिलेश यादव ने किया स्वागत
UP Politics: सपा प्रमुख ने कार्यक्रम में पार्टी में शामिल होने वाले नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आने से ‘पीडीए’ पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक की आवाज़ और बुलंद होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आज शुभ दिन है, इसलिए कटाक्ष से बचा जाना चाहिए, लेकिन जैसे ही संवाददाता सम्मेलन आगे बढ़ा, उनका रुख सख्त होता गया।
प्रदेश में बिजली संकट को लेकर अखिलेश ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जिसने बिजली बनाई ही नहीं, वो बिजली देगा कैसे? दिवाली पर फुस्स फुलझड़ी से क्या उम्मीद करें? उन्होंने आरोप लगाया कि नौ साल की सरकार के बाद भी ज़मीन पर कोई बड़ा बदलाव नहीं दिख रहा है। उनके कार्यकाल में राज्य का बजट चार लाख करोड़ रुपये था और उसी से मेट्रो, एक्सप्रेसवे और स्टेडियम बनाए गए। अब जब सरकार का बजट आठ लाख करोड़ है, तो विकास की रफ्तार और नीयत दोनों गायब हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, अब तो विधायक के घर भी सुरक्षित नहीं रहे, वहां भी चोरी हो रही है।







