UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाज़ी का दौर लगातार जारी है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के हालिया बयान पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने तीखा पलटवार किया है। राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव अगर सच में उत्तर प्रदेश में बदलाव लाना चाहते हैं, तो उन्हें गठबंधन की ताकत और एकता की राजनीति को समझना होगा। राजभर ने तंज भरे लहजे में कहा कि अकेले चलकर आप उत्तर प्रदेश में बदलाव नहीं ला सकते। मैं वही बात दोहराऊंगा, जो उनके पिता मुलायम सिंह यादव कहा करते थे अगर नकल करोगे तो ज्ञान मिलेगा। अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीख लेनी चाहिए, जिन्होंने कई दलों को साथ लेकर देश को आगे बढ़ाया है।
एकता से ही राजनीति में सफलता मिलेगी
राजभर ने कहा कि राजनीति में अकेले चलने से नहीं, बल्कि सबको साथ लेकर चलने से सफलता मिलती है। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पांच पार्टियां एकजुट होकर चुनाव लड़ रही हैं, और यही लोकतंत्र की असली ताकत है एकता और समन्वय। उन्होंने आगे कहा कि अगर अखिलेश यादव अकेले संघर्ष करने की सोच रहे हैं, तो उन्हें पहले अपने पिता मुलायम सिंह यादव की विचारधारा और राजनीति के मूल सिद्धांतों को अपनाना चाहिए। अगर आप वाकई अकेले लड़ना चाहते हैं, तो पहले अपने पिता के विचारों और सिद्धांतों को पूरी तरह अपनाइए। तभी सफलता मिलेगी। अकेले कुछ नहीं हो सकता।
UP Politics: राजनीति साझेदारी और सहयोग से चलती है
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि आज की राजनीति केवल भाषणों या नारों से नहीं चलती। इसमें साझेदारी और सहयोग की भावना जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी ने यह साबित किया है कि अगर इरादा मजबूत हो और सबको साथ लेकर चला जाए, तो बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी भी निभाई जा सकती है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने कई दलों को साथ लेकर सरकार बनाई और उसे सफलतापूर्वक चलाया। यही सीख हर क्षेत्रीय नेता को लेनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने दिया था ये बयान
दरअसल, हाल ही में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि पहले उत्तर प्रदेश से भाजपा को हटाना है, फिर देश से हटाना है। उनके इस बयान को विपक्षी दलों पर परोक्ष निशाना माना जा रहा था। इसी को लेकर ओमप्रकाश राजभर ने यह पलटवार किया है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजभर के इस बयान से एक बार फिर सपा और सुभासपा के रिश्तों में दूरियां बढ़ सकती हैं। जहां अखिलेश यादव आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटे हैं, वहीं राजभर लगातार गठबंधन की राजनीति को मजबूत करने की बात कर रहे हैं।
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