Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय की आर्थिक अपराध शाखा में तैनात पुलिस उपनिरीक्षक (PSI) प्रमोद रवींद्र चिंतामणी को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 2 करोड़ रुपये की रिश्वत की पहली किस्त लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुणे के रास्ता पेठ इलाके में की गई है, जहां चिंतामणी 50 लाख रुपये की नकद राशि ले रहे थे।
धोखाधड़ी के मामले में मांगी थी रिश्वत
Maharashtra News: आरोप है कि चिंतामणी ने बावधन पुलिस थाने में दर्ज 4 करोड़ रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी के एक मामले में न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी को जमानत दिलाने और केस में मदद करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। शुरुआती दौर में उन्होंने 2 लाख रुपये की रिश्वत मांग की थी, लेकिन बाद में यह राशि बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये कर दी गई। इसमें से 1 करोड़ रुपये खुद के लिए और 1 करोड़ रुपये वरिष्ठ अधिकारियों को देने की बात कही गई थी।
उधर, ACB की टीम ने जब आरोपी के घर की तलाशी ली तो वहां से 51 लाख रुपये की नकदी, कीमती गहने और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए। इस कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ समर्थ पुलिस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस गिरफ्तारी ने पुणे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, एक उच्च पदस्थ अधिकारी के खिलाफ इतनी बड़ी राशि की रिश्वत की मांग और उसे लेते हुए पकड़े जाने की घटना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की गंभीरता को स्पष्ट किया है।
एसीबी ने मामले में क्या बताया?
Maharashtra News: एसीबी ने बताया कि अब इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अधिकारी यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कोई भी आरोपी या संलिप्त व्यक्ति बच न सके। इस घटना से साफ संदेश गया है कि कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार निवारण एजेंसियां किसी भी स्तर पर रिश्वत और भ्रष्टाचार के मामलों को गंभीरता से ले रही हैं।







