MP NEWS : मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने राज्य में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग की मिलीभगत से रचा गया “षड्यंत्र” बताया।
लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया
वर्मा ने आरोप लगाया कि SIR प्रक्रिया का उद्देश्य दलित, आदिवासी, मजदूर और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाना है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के साथ खुली छेड़छाड़ है।
आयोग की विश्वसनीयता भी प्रभावित
MP NEWS : कांग्रेस नेता ने बताया कि बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) पर बिना पर्याप्त प्रशिक्षण और आवश्यक फॉर्म उपलब्ध कराए दबाव डाला जा रहा है। इससे न केवल मतदाता सूची की सटीकता पर सवाल उठते हैं, बल्कि आयोग की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा, “हम इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखे हुए हैं और कांग्रेस मजबूती से खड़ी है। पार्टी चुनाव आयोग को नोटिस देगी कि बिना पर्याप्त तैयारी के यह संशोधन अभियान क्यों शुरू किया गया।”
षड्यंत्र को जनता के सामने उजागर करेगी- कांग्रेस
MP NEWS : वर्मा ने कहा कि यह सब भाजपा और चुनाव आयोग का “सुनियोजित प्रोपेगेंडा” है, जिसका उद्देश्य कमजोर तबकों की राजनीतिक आवाज़ को दबाना है। उन्होंने दावा किया कि पिछले चुनावों में भी गरीब, मजदूर और अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटाए गए थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी इस “षड्यंत्र” को जनता के सामने उजागर करेगी और हर स्तर पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया की तत्काल समीक्षा की मांग की और निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
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