Cholesterol Control Ayurveda: कोलेस्ट्रॉल जितना हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है, उतना ही आवश्यक भी होता है। कोलेस्ट्रोल का कंट्रोल में रहना जरूरी है क्योंकि जब कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक बढ़ जाता है तो दिल से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। इसके बढ़ने से यह धमनियों में धीरे – धीरे जमना शुरू कर देता है जिससे धमनियों संकुचित और कठोर हो जाती है। ऐसा होने पर रक्त का प्रवाह रुक-रुक कर होता है और दिल को अधिक मेहनत करना पड़ती है।

बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के प्रमुख लक्षण
Cholesterol Control Ayurveda: कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, किसी व्यक्ति द्वारा मीठा और तला हुआ भजन अधिक करने, उसकी पाचन क्रिया कमजोर होने, आलस और तनाव बने रहने के कारण ज्यादातर यह समस्या उत्पन्न होती है। जब खाना पचता नहीं है तो शरीर में घूमने लगता है और नसों के जमने लग जाता है। जिसका प्रभाव व्यक्ति को अलग-अलग रूप में देखने को मिलता है। जैसे थकान, भारीपन, दिल की तेज धड़कन, सांस फूलना इत्यादि होना कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से होने वाले लक्षण है। यदि कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में लाना चाहते हैं तो जीवन शैली अथवा खान-पान में सुधार लाने की जरूरी है।

प्राकृतिक उपाय जो Cholesterol Control करें
Cholesterol Control Ayurveda: आयुर्वेद के अनुसार, रात के समय त्रिफला लेने से पाचन सही रहता है। अर्जुन की छाल दिल को मजबूत करने में मदद करती है, सुबह के समय खाली पेट यदि मेथी दाना का पानी पिया जाए तो इससे कोलेस्ट्रॉल कम हो सकता है। साथ ही यदि आप अपने रक्त को साफ करना चाहते हैं तो इसके लिए लहसुन का सेवन कर सकते हैं। सुबह आपको गुनगुने पानी में शहद और नींबू डाल कर पानी पीना चाहिए और रात के समय तुलसी-अदरक वाली ग्रीन टी लेने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए साझा किया गया है। किसी भी तरह की परेशानी होने पर विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।
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