Ayodhya News: अयोध्या में रामलला के पावन मंदिर में धर्म पताका फहर चुकी है और पूरा शहर भक्ति के रंग में डूबा हुआ है। लेकिन इस भव्य आयोजन के बीच राजनीति की गर्माहट कम होने का नाम नहीं ले रही। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद को कार्यक्रम में आमंत्रण न मिलने के बाद सियासी हलकों में सवालों और चर्चाओं का दौर लगातार जारी है।
दलित सांसद ने लगाया आरोप
Ayodhya News: सांसद अवधेश प्रसाद ने आयोजकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि रामलला के दरबार में धर्म ध्वजा स्थापना के कार्यक्रम में उन्हें बुलाया नहीं गया क्योंकि वे दलित समाज से आते हैं। उन्होंने इसे व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक भेदभाव का मामला बताया। अवधेश प्रसाद का कहना है कि यदि समाज के किसी वर्ग को उसकी जाति या पहचान के आधार पर अलग रखा जा रहा है, तो यह राम की मर्यादा नहीं बल्कि कुछ लोगों की छोटी सोच को दर्शाता है।
राम सबके हैं, सम्मान और समानता मेरी लड़ाई
Ayodhya News: अपनी बात आगे बढ़ाते हुए सांसद ने कहा कि उनकी नाराजगी निमंत्रण को लेकर नहीं है, बल्कि बराबरी और सम्मान के सवाल को लेकर है। उनके अनुसार राम किसी एक समुदाय, दल या वर्ग की संपत्ति नहीं हैं, बल्कि विश्व के सभी लोगों के आराध्य हैं। इसलिए यदि समाज का कोई व्यक्ति खुद को अलग-थलग महसूस करे, तो यह संविधान के मूल्यों और राम की मर्यादा दोनों के खिलाफ है। अवधेश प्रसाद ने दोहराया कि उनकी लड़ाई किसी पद, शक्ति या प्रतिष्ठा के लिए नहीं, बल्कि सम्मान और संविधान द्वारा दी गई समानता के अधिकार के लिए है।
भव्य आयोजन के बीच राजनीति तेज
Ayodhya News: अयोध्या में धर्म ध्वजा स्थापना का कार्यक्रम जहां धार्मिक उत्साह का केंद्र बना, वहीं इस विवाद ने राजनीतिक माहौल गरम कर दिया है। विपक्ष इस मुद्दे को भेदभाव और दलित सम्मान से जोड़ रहा है, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब देखना होगा कि यह मामला सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहता है या आने वाले समय में अयोध्या और प्रदेश की राजनीति पर इसका बड़ा असर दिखाई देता है।
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