Ambarnath Temple: भारत में कई जगहें और मंदिर ऐसी हैं जिनका संबंध रामायण और महाभारत से माना जाता है। इन्हीं में से एक है महाराष्ट्र के अंबरनाथ में स्थित भगवान शिव का मंदिर। इसके बारे में मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इसे एक ही रात में बनाया था। लेकिन कौरवों के दबाव के कारण उन्हें इसे एक ही रात में छोड़ना पड़ा था। इसीलिए मंदिर का कुछ हिस्सा अधूरा रह गया। वही अधूरापन इस मंदिर को और भी रहस्यमय बनाता है।

Ambarnath Temple: हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर
Ambarnath Temple: देखा जाए तो अंबरनाथ मंदिर की बनावट बहुत ही खास है। मंदिर की दीवारें मोटे पत्थरों से बनी हैं, जिन पर भगवान शिव के कई रूपों को दर्शाया गया है। इसके साथ-साथ भगवान गणेश, मां भवानी और कार्तिकेय के भी कई रूपों की आकृतियां दिखाई गई हैं। इन मूर्तियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे पत्थरों में जान भर गई हो और वे अपनी कहानी स्वयं बता रहे हों। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए कुछ सीढ़ियां नीचे उतरती हैं। नीचे गर्भगृह में शिव त्रैमूर्ति रूप में विराजमान हैं, जिन्हें शिव और पार्वती के एक साथ मौजूद होने का प्रतीक माना जाता है।
इच्छापूर्ति स्थान
Ambarnath Temple: मंदिर के पास ही एक पुराना कुंड है। खासियत यह है कि इसका पानी कभी सूखता नहीं है और हमेशा गर्म रहता है। कुंड के सामने दो नंदी महाराज बैठे हैं, जिन्हें मंदिर का रक्षक माना जाता है। यह मंदिर लगभग हजारों साल पुराना है और यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल है।

मंदिर के अंदर एक रहस्यमय गुफा भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका रास्ता पंचवटी तक जाता है। अंबरनाथ में स्थित भगवान शिव को इच्छापूर्ति स्वरूप भी माना जाता है। भक्तों का मानना है कि यहां जो भी दिल से इच्छा मांगी जाती है, वह जरूर पूरी होती है। शिवरात्रि के समय यहां चार दिन तक भव्य मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं।
भारत में कई जगहें और मंदिर ऐसी हैं जिनका संबंध रामायण और महाभारत से माना जाता है। इन्हीं में से एक है महाराष्ट्र के अंबरनाथ में स्थित भगवान शिव का मंदिर। इसके बारे में मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इसे एक ही रात में बनाया था। लेकिन कौरवों के दबाव के कारण उन्हें इसे एक ही रात में छोड़ना पड़ा था। इसीलिए मंदिर का कुछ हिस्सा अधूरा रह गया। वही अधूरापन इस मंदिर को और भी रहस्यमय बनाता है।
हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर
Ambarnath Temple: देखा जाए तो अंबरनाथ मंदिर की बनावट बहुत ही खास है। मंदिर की दीवारें मोटे पत्थरों से बनी हैं, जिन पर भगवान शिव के कई रूपों को दर्शाया गया है। इसके साथ-साथ भगवान गणेश, मां भवानी और कार्तिकेय के भी कई रूपों की आकृतियां दिखाई गई हैं। इन मूर्तियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे पत्थरों में जान भर गई हो और वे अपनी कहानी स्वयं बता रहे हों।
मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए कुछ सीढ़ियां नीचे उतरती हैं। नीचे गर्भगृह में शिव त्रैमूर्ति रूप में विराजमान हैं, जिन्हें शिव और पार्वती के एक साथ मौजूद होने का प्रतीक माना जाता है।

Ambarnath Temple: इच्छापूर्ति स्थान
Ambarnath Temple: मंदिर के पास ही एक पुराना कुंड है। खासियत यह है कि इसका पानी कभी सूखता नहीं है और हमेशा गर्म रहता है। कुंड के सामने दो नंदी महाराज बैठे हैं, जिन्हें मंदिर का रक्षक माना जाता है। यह मंदिर लगभग हजारों साल पुराना है और यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर में शामिल है।
मंदिर के अंदर एक रहस्यमय गुफा भी है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका रास्ता पंचवटी तक जाता है। अंबरनाथ में स्थित भगवान शिव को इच्छापूर्ति स्वरूप भी माना जाता है। भक्तों का मानना है कि यहां जो भी दिल से इच्छा मांगी जाती है, वह जरूर पूरी होती है। शिवरात्रि के समय यहां चार दिन तक भव्य मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं।
Written By- Palak Kumari
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