Bihar News: कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड के अवर्हियां पंचायत में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन इसके बावजूद भी गांव की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। कचरा संग्रहण के लिए बनाए गए भवन में अपशिष्ट सामग्री की जगह ग्रामीणों द्वारा धान की दवनी की जा रही है। भवन में पंखे लगाए जाने से स्पष्ट है कि इसे निजी उपयोग में बदल दिया गया है।
स्वच्छता मिशन की अनदेखी साफ दिखाई दी
गांव की गलियों में गंदा पानी बह रहा है और जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जिससे दुर्गंध फैल रही है और बीमारियों का खतरा बना हुआ है। इससे साफ है कि पंचायत स्तर पर स्वच्छता मिशन की योजनाएं धरातल पर लागू नहीं हो पा रही हैं। इस मामले में स्थानीय समाजसेवी अरविंद कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर बताया कि पंचायत के सभी वार्डों में घर-घर कचरा संग्रहण और प्रबंधन व्यवस्था वर्षों से लंबित है। पंचायत द्वारा गीले और सूखे कचरे के लिए बाल्टी, ठेला, ई-रिक्शा, सफाई कर्मियों की ड्रेस और अन्य सामग्रियां खरीदी जा चुकी हैं। सफाई कर्मियों और पर्यवेक्षकों की बहाली भी हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कार्य शुरू नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत देने के बाद भी प्रखंड स्वच्छता कार्यालय और पंचायत प्रतिनिधियों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके कारण गांव में कचरा जमा होने से संक्रमण और मच्छर जनित बीमारियों की आशंका बनी रहती है।
Bihar News: ढाई साल से वीरान पड़ा कचरा भवन
अवर्हियां गांव के निवासी अजीत कुमार राम ने बताया कि कचरा प्रबंधन भवन बनने के बाद से आज तक एक दिन भी गांव का कचरा वहां नहीं लाया गया। ढाई सालों से यह भवन पूरी तरह बेकार पड़ा हुआ है।
प्रशासन ने लिया संज्ञान
इस मामले पर मोहनिया एसडीएम अनिरुद्ध पांडे ने बताया कि मामले को संज्ञान में ले लिया गया है और जांच करवाई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
Report BY: देवब्रत तिवारी
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